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19वीं भारत-ईरान विदेश कार्यालय परामर्श बैठक का हुआ आयोजन, चाबहार बंदरगाह सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

चर्चाओं में वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम भी शामिल थे, जिनमें अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया, और दक्षिण काकेशस की स्थिति पर विचार विमर्श हुआ.

भारतीय विदेश सचिव और ईरान के उप विदेश मंत्री.

नई दिल्ली में 3 जनवरी को 19वीं भारत-ईरान विदेश कार्यालय परामर्श बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और ईरान के उप विदेश मंत्री डॉ. माजिद तक़्त रवानची ने की.

बैठक के दौरान भारत और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर व्यापक चर्चा हुई. खासकर चाबहार बंदरगाह पर विशेष ध्यान दिया गया, जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक और सामरिक महत्व रखता है. इसके अलावा, क्षेत्रीय मुद्दों पर भी गहन बातचीत हुई, जिसमें दोनों देशों ने सहयोग और आपसी हितों पर आधारित विचारों का आदान-प्रदान किया. बैठक में बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों को भी साझा किया गया, जिससे भारत और ईरान के संबंधों को और मजबूत बनाने के संकेत मिले.

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की, जिनमें चाबहार पोर्ट, कृषि सहयोग, व्यापार और आर्थिक मुद्दे, साथ ही सांस्कृतिक और जन-जन संपर्क शामिल थे.

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

चर्चाओं में वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम भी शामिल थे, जिनमें अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया, और दक्षिण काकेशस की स्थिति पर विचार विमर्श हुआ. विदेश सचिव ने चाबहार पोर्ट के महत्व को रेखांकित किया, जो अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास में सहायक है. दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) जैसे बहुपक्षीय मंचों में सहयोग बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया.

सहयोग मजबूत करने पर सहमति

डॉ. माजिद तक़्त रवानची ने अपने दौरे के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से भी मुलाकात की. इस मुलाकात में द्विपक्षीय मामलों और वर्तमान क्षेत्रीय चुनौतियों पर चर्चा की गई. दोनों देशों ने उच्च-स्तरीय संवाद को जारी रखने और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की.

भारत और ईरान के बीच यह वार्ता दोनों देशों के सामरिक और कूटनीतिक सहयोग को एक नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर आर्थिक, सुरक्षा और क्षेत्रीय मसलों पर सामूहिक कार्य करने की आवश्यकता को देखते हुए.

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-भारत एक्सप्रेस



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