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Kuwait Building Fire: जान गंवाने वालों के शव वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना का विमान तैयार, घटना में 42 भारतीयों की मौत

विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कुवैत पहुंचने के बाद घटना में घायल भारतीयों का हालचाल जानने के लिए तुरंत जाबेर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने उन्हें भारत सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

कुवैत सिटी के दक्षिण में स्थित मंगाफ इलाके की इमारत बुधवार को आग लगने के बाद कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई थी. (फोटो: IANS)

कुवैत के अधिकारी मंगाफ इलाके की एक इमारत में लगी भीषण आग में मारे गए लोगों के शवों की डीएनए जांच कर रहे हैं और भारतीय वायुसेना के एक विमान को हादसे में मारे गए भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए तैयार रखा गया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार (13 जून) को यह जानकारी दी.

विदेश राज्य मंत्री कुवैत पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह आग में झुलसे भारतीयों की सहायता की निगरानी करने और मारे गए लोगों के शवों को शीघ्र स्वदेश लाए जाने के लिए कुवैत रवाना हो चुके हैं.

कुवैत पहुंचने के बाद सिंह ने कहा, ‘पीड़ितों की पहचान के लिए DNA टेस्ट किए जा रहे हैं. कई शव बुरी तरह जल चुके हैं और पहचान से परे हैं, इसलिए उचित पहचान के लिए इन परीक्षणों की जरूरत है. वायु सेना का एक विमान स्टैंडबाय पर है. पहचान पूरी होने के बाद परिवारों को सूचित किया जाएगा और वायु सेना का विमान शवों को वापस भारत ले जाएगा.’

कीर्तिवर्धन सिंह ने कुवैत पहुंचने के बाद घटना में घायल भारतीयों का हालचाल जानने के लिए तुरंत जाबेर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने अस्पताल में भर्ती 6 घायलों से मुलाकात की. वे सभी सुरक्षित हैं. उन्होंने उन्हें भारत सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

कम से कम 42 भारतीयों की मौत

अधिकारियों ने बताया कि अल-मंगाफ इमारत में आग लगने से कुल 49 लोगों की मौत हुई और माना जा रहा है कि उनमें से 42 भारतीय थे, शेष पाकिस्तान, फिलीपीन, मिस्र और नेपाल के नागरिक थे. विदेश मंत्रालय ने बुधवार (12 जून) रात एक बयान जारी कर कहा था, ‘कुवैत सिटी के दक्षिण स्थित मंगाफ इलाके में एक आवासीय इमारत में आज (बुधवार) तड़के आग लगने की एक दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद घटना में मारे गये लोगों में से करीब 40 के बारे में माना जा रहा है कि वे भारतीय थे.’

इमारत के मालिक और गार्ड को गिरफ्तार करने का आदेश

कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, घातक घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है. बुधवार को घटनास्थल का दौरा करने वाले कुवैत के उप प्रधानमंत्री, रक्षा और आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबा ने इमारत के कुवैती मकान मालिक और इमारत के मिस्र के गार्ड को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. शेख फहद ने मीडिया को बताया कि पब्लिक अथॉरिटी ऑफ मैनपार गुरुवार से इमारतों में प्रवासी श्रमिकों की भीड़भाड़ और सुरक्षा शर्तों का पालन न करने के मुद्दे का अध्ययन करेगा.

किस कारण से लगी आग?

अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि आग किस कारण से और कैसे लगी. कुवैत टाइम्स ने कुवैत फायर डिपार्टमेंट के जांच प्रमुख कर्नल सईद अल-मौसावी के हवाले से बताया कि जांच दल ने पाया कि अपार्टमेंट और कमरों के बीच पार्टिशन बनाने के लिए ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण धुएं के विशाल काले बादल उठे. उन्होंने कहा कि कई पीड़ित सीढ़ियों से नीचे भागने की कोशिश करते समय दम घुटने से मर गए क्योंकि वे धुएं से भर गए थे.

कुवैत जाएंगी केरल की स्वास्थ्य मंत्री

कुवैत अग्निकांड में मारे गए केरल के लोगों के शवों को वापस लाने के लिए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज आज (13 जून) कुवैत रवाना होंगी. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया. सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी फैसला किया है.

कुवैत के भीषण आग में मरने वाले 14 केरलवासियों में से 13 की पहचान कर ली गई है. कुवैत के सूत्रों के अनुसार, ‘मरने वालों की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है. वहीं, इमारत में रहने वाले करीब 18 कर्मचारी इस हादसे में बाल-बाल बच गए. वे सुबह करीब 4 बजे सुबह की ड्यूटी के लिए इमारत से निकल गए थे.’

कुवैत में हुए इस भीषण अग्निकांड में इमारत पूरी तरह से तबाह हो गई. इस इमारत के बारे में बताया जा रहा है कि इसमें मजदूर रहते थे, जिसमें से अधिकतर भारतीय थे. यह आग बुधवार की सुबह लगी. इसके लिए वहां की सरकार ने मालिक को जिम्मेदार ठहराया है.

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कुवैत अग्निकांड में पांच तमिलों की मौत: तमिलनाडु के मंत्री

तमिलनाडु के अल्पसंख्यक कल्याण और अनिवासी तमिल कल्याण मंत्री केएस मस्थान ने बृहस्पतिवार को विदेश में स्थित तमिल संघों द्वारा अब तक साझा की गई जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि कुवैत में अग्निकांड की घटना में पांच तमिल लोगों की भी मौत होने का पता चला है.

मस्थान ने चेन्नई में संवाददाताओं को बताया कि जान गंवाने वाले लोग राज्य के तंजावुर, रामनाथपुरम और पेरावुरानी क्षेत्रों के थे और उनकी पहचान राम करुप्पन, वीरसामी मरियप्पन, चिन्नादुरई कृष्णमूर्ति, मोहम्मद शेरिफ और रिचर्ड के रूप में हुई है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के निर्देशानुसार, मृतकों के शवों वापस लाने और घायलों के लिए आवश्यक चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं.

मंत्री ने कहा, ‘दूतावास (कुवैत में) ने कहा है कि पीड़ितों के बारे में आधिकारिक जानकारी राज्य सरकार को प्रदान की जाएगी। हम लगातार निगरानी रख रहे हैं.’

प्रधानमंत्री मोदी ने की थी बैठक

प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना को ‘दुखद’ करार दिया और विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा सहित अन्य लोगों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की.

बैठक के बाद मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीयों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और निर्देश दिया कि सरकार हरसंभव सहायता प्रदान करे.

शवों को जल्द वापस भेजने का आग्रह

विदेश मंत्री ने फोन पर अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की और उनसे अनुरोध किया कि आग लगने के कारण जान गंवाने वाले भारतीयों के शव शीघ्र भारत भेजे जाएं.

जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘(मैंने) कुवैत में आग लगने की घटना के संबंध में कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की. (मुझे) इस संबंध में कुवैती अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बताया गया. (मुझे) आश्वासन दिया गया कि इस घटना की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी.’ उन्होंने कहा, ‘हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के शवों को जल्द से जल्द उनके देश भेजने का आग्रह किया.’

-भारत एक्सप्रेस



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