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चेतावनी के बाद अमेरिका ने फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के उखाड़े तंबू, बढ़ा तनाव, जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में कर रहे थे प्रदर्शन

अमेरिका के विश्वविद्यालयों में प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ रहा है. तीन सप्ताह पहले कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक अभियान के साथ विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई थी.

अमेरिका में फलस्तीन समर्थकों का प्रदर्शन

अमेरिका ने फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अब सख्त रुख अपना लिया है. विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा संचालित समाचार पत्र ‘जीडब्ल्यू हैचेट’ की खबर के मुताबिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आज सुबह आगे नहीं बढ़ने की तीसरी और अंतिम चेतावनी दी थी. जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है.

हटाए जा रहे प्रदर्शनकारियों के तंबू  

अमेरिका के वाशिंगटन डी.सी. में जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में पुलिस ने बुधवार तड़के फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के तंबू को हटाना शुरू कर दिया. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने अपने प्रदर्शन में शामिल छात्रों को निलंबित करने की भी चेतावनी दी थी. विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह स्थान एक गैरकानूनी गतिविधि बन गया है, जहां कानून एवं नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है.

शिकागो विश्वविद्यालय में भी प्रदर्शन को लेकर लिया यह एक्शन

बता दें कि इससे पहले शिकागो विश्वविद्यालय में कल मंगलवार को पुलिस ने फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक तंबू को हटा दिया था. अमेरिका के विश्वविद्यालयों में प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ रहा है. तीन सप्ताह पहले कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक अभियान शुरू होने के साथ विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई थी.

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इजराइल-हमास युद्ध के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर भी हुई था कार्रवाई

अमेरिका के कुछ महाविद्यालयों ने इजराइल-हमास युद्ध के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर तत्काल कार्रवाई की थी. हालांकि अब तक प्रदर्शनों की अनुमति देने वाले कुछ विश्वविद्यालयों का धैर्य टूट गया और उन्हें पुलिस कार्रवाई का सहारा लेना पड़ा.उल्लेखनीय है कि 18 अप्रैल से अब तक 50 विश्वविद्यालय परिसरों में 2,600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने शिविर में प्रवेश करने से रोक दिया था और लगभग 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.



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