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PM Modi Brunei Visit: आखिर क्या है ब्रुनेई की इस मस्जिद की खासियत, जिसे देखने के लिए पहुंचे पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने हाई कमीशन को दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों का प्रतीक बताया.

PM Modi Brunei Visit

पीएम मोदी ब्रुनेई में

PM Modi Brunei Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय ब्रुनेई यात्रा पर हैं. पीएम का यह दौरा कई मायनों में बहुत की खास बताया जा रहा है कि क्योंकि किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला ब्रुनेई दौरा है. मंगलवार को वह ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बागवान पहुंचे. इस दौरान उन्होंने यहां पर स्थित दुनिया की जानी-मानी उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद भी पहुंचे. बताया जाता है कि मस्जिद का 5 साल में बनकर तैयार हुई थी. इसका निर्माण 4 फरवरी 1954 को शुरू हुआ था. इस मस्जिद की खास बात ये है कि इसकी अधिकतम ऊंचाई 171 फीट है और गुंबद सोने से ढका है. इसी खासियत के चलते दुनियाभर में मशहूर है.

बता दें कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध के 40 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने ब्रुनेई में भारतीय हाई कमीशन के नए परिसर का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम ने हाई कमीशन को दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों का प्रतीक बताया. पीएम ने कहा कि यह प्रवासी भारतीयों की सेवा करेगा. कोटा पत्थरों से बनी हाई कमीशन की इमारत भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दिखाती है. गौरतलब है कि इस कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी राजधानी में स्थित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद पहुंचे.

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यह मस्जिद है राष्ट्रीय चिन्ह स्थल

यह मस्जिद देश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी मस्जिदों में भी है. मस्जिद के आकार की बात करें तो यह 69X24 मीटर की है. इसका नाम उमर अली सैफुद्दीन तृतीय (1914-1986) के नाम पर रखा गया है. वह ब्रुनेई के 28वें सुल्तान और मौजूदा सम्राट सुल्तान हसनल बोल्किया के पिता थे. इसके साथ ही यह ब्रुनेई का राष्ट्रीय चिन्ह स्थल भी है. इस मस्जिद की वास्तुकला भारतीय मुगल साम्राज्य से मिलती-जुलती है. इस मस्जिद को यहां पर इस्लामी आस्था का प्रतीक माना जाता है. उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद ब्रुनेई की दो राष्ट्रीय मस्जिदों में से एक है. उद्घाटन सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन तृतीय के 42वें जन्मदिन समारोह के दौरान साल 1958 में किया गया था. जब इस मस्जिद का निर्माण किया गया था उस समय इसके निर्माण में 11 करोड़ से अधिक की लागत आई थी. मस्जिद का निर्माण मलेशिया की आर्किटेक्चुअल फर्म बूटी एडवर्ड्स एंड पार्टनर्स ने किया था. इसके निर्माण में 700 टन स्टील और 1500 टन कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया था. मस्जिद के नींव की गहराई 80-120 फीट है. मस्जिद में एक साथ 3 हजार श्रद्धालु बैठ सकते है. मस्जिद को देखने के लिए लाखों पर्यटक हर साल आते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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