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पाकिस्तान की अवाम पर महंगाई की एक और मार! सरकार के इस फैसले से बढ़ीं जनता की और भी मुश्किलें

Pakistan Economic Crisis: आर्थिक दिवालिएपन की तरफ बढ़ रहे पाकिस्तान में महंगाई दर 35 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है. वहीं आर्थिक संकट से निकलने के लिए पाकिस्तानी सरकार अब तक नाकाम रही है.

Pakistan Economic Crisis:

सांकेतिक तस्वीर

Pakistan Economic Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की आवाम पर अब वहां के सेंट्रल बैंक ने भी ईएमआई (EMI) का बोझ बढ़ा दिया है. रोज बढ़ रही महंगाई से जहां पाकिस्तानी जनता का जीना बेहाल हो चुका है वहीं बैंक द्वारा बढ़ाए गए ईएमआई दरों के कारण अब एक बार फिर महंगाई को लेकर उनकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

लोगों पर बढ़ेगा EMI का बोझ

मिली जानकारी के अनुसार सेंट्रल बैंक द्वारा बेंचमार्क ब्याज दरों में हुए इस बढ़ोतरी के बाद पाकिस्तान के बाकि बैंक भी अपने लोन की ब्याज दरों में वृद्धि करने वाले हैं. इन बैंकों से विभिन्न मदों में लोन लेने वाले लोगों को अब बढ़ी हुई EMI चुकानी होगी. पाकिस्तान में बिगड़ते आर्थिक हालातों को देखते हुए कहा जा रहा था कि बैंक अपने अपने ब्याज दर में इजाफा कर सकते हैं. पाकिस्तान के सेंट्रल के इस कदम के बाद कार लोन, होम लोन और पर्सनल लोन के अलावा कई दूसरे प्रकार के लोन की EMI बढ़ जाएगी वहीं अब इन्हें लेना भी अब महंगा हो जाएगा.

इतना बढ़ गया ब्याज दर

हालांकि देश के आर्थिक हालात को देखते हुए इस बात की आशंका जताई जा रही थी की ब्याज दरों में 200 बेसिस प्वाइंट बढ़ाए जा सकते हैं, लेकिन सेंट्रल बैंक ने इन दरों को अभी बहुत ज्यादा नहीं बढ़ाया है. बेंचमार्क ब्याज दर (Interest Rate) में सेंट्रल बैंक ने 100 बेसिस प्वाइंट यानी 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. बढ़ी हुई ब्याज दरों के बाद अब यह 21 प्रतिशत हो गई है. अभी पिछले महीने के पहले ही सप्ताह में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने बेंचमार्क ब्याज दरों में 300 बीपीएस का इजाफा किया था. इसके बाद ब्याज दर बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई थी.

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पाकिस्तान में महंगाई दर पहुंची 35 फीसदी के उपर

रोजमर्रा के सामानों के दाम बढने और आर्थिक दिवालिएपन की तरफ बढ़ रहे पाकिस्तान में महंगाई दर 35 फीसदी के ऊपर पहुंच गई है. जानकारों के अनुसार महंगाई की इस दर ने पिछले पांच दशक के सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं और यह इन दशकों में अब तक का सबसे ज्यादा महंगाई का स्तर है. बढ़ती महंगाई की दर के कारण आटा से लेकर पेट्रोल-डीजल और खाने-पीने की चीजों से लेकर रोजमर्रा के तमाम सामान लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं.

आर्थिक संकट से निकलने के लिए पाकिस्तानी सरकार अब तक नाकाम रही है. पाकिस्तान के बिगड़ते आर्थिक हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी रुपये की कीमत एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 288 पाकिस्तानी रुपये हो चुकी है. शहबाज शरीफ सरकार ने अपनी विफलता को छिपाने के लिए लोगों से इसे झेलने के लिए तैयार रहने को कहा है.



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