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AstraZeneca COVID-19 Vaccine: पूरी दुनिया के बाजार से एस्ट्राजेनेका वापस लेगी कोविड वैक्सीन, साइड इफेक्ट्स सामने आने के बाद बड़ी घोषणा

Covishield: ब्रिटिश स्वीडिश मूल की मल्टीनेशनल फार्मास्युटिकल और बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ने एक रिपोर्ट में बताया है कि उसने वैक्सीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

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(सांकेतिक फोटो: सोशल मीडिया)

AstraZeneca Latest News: साइड इफेक्ट सामने आने के बाद एस्ट्राजेनेका (एजेडएन लिमिटेड) ने पूरी दुनिया के बाजारों से अपने कोविड रोधी टीकों को वापस लेने की मंगलवार (7 मई) को घोषणा की. इस संबंध में ब्रिटिश स्वीडिश मूल की मल्टीनेशनल फार्मास्युटिकल और बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ने एक रिपोर्ट में बताया कि उसने वैक्सीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा कोविशील्ड के रूप में बाजार में लाया गया था.

AstraZeneca ने क्या कहा

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन निर्माता ने कहा है कि दुनिया भर में इसकी वापसी वाणिज्यिक कारणों से शुरू की गई थी, क्योंकि COVID-19 के लिए ‘उपलब्ध अपडेटेड टीकों की अधिकता’ थी. एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वैक्सीन को अपडेटेड टीकों से प्रतिस्थापित किया गया है, जो नए वेरिएंट से निपटते हैं.

कंपनी ने स्वेच्छा से यूरोपीय संघ में अपना ‘विपणन प्राधिकरण’ वापस ले लिया, यह कहते हुए कि वैक्सीन का अब उत्पादन नहीं किया जा रहा है और इसका अब उपयोग नहीं किया जा सकता है. इसी तरह की निकासी अन्य देशों में भी की जाएगी जो वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं.

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ब्रिटेन में चल रहा मुकदमा

एस्ट्राजेनेका ने यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) में इस दावे पर 100 मिलियन पाउंड के मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है कि उसके कोविड टीके के कारण कई लोगों की मौत हुई और कई लोगों को नुकसान पहुंचा. एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में एक अदालती दस्तावेज में स्वीकार किया कि कोविशील्ड ‘बहुत ही दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (Thrombocytopenia Syndrome) के साथ TTS या थ्रोम्बोसिस (Thrombosis) का कारण बन सकता है’.

टीटीएस मनुष्यों में खून के थक्के बनाने और कम ब्लड प्लेटलेट का कारण बनता है और ब्रिटेन में कम से कम 81 मौतों से जुड़ा हुआ है. हालांकि, एस्ट्राजेनेका ने इस बात से इनकार किया है कि कोविशील्ड को वापस लेने का फैसला कोर्ट केस से जुड़ा है.

भारत में भी मुकदमा

बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स सामने आने के बाद अधिवक्ता विशाल तिवारी ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें जांच की मांग की गई थी. विशाल ने इसको लेकर दावा किया है कि भारत में कोविडशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी गई थीं. कोविड-19 के बाद दिल का दौरा पड़ने से मौत और लोगों के अचानक बेहोश होने के मामले बढ़े हैं. मालूम हो कि इस मुकदमे का सामना सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी कर रहा है.

-भारत एक्सप्रेस

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