चिन्मय कृष्ण दास.
Hindu Monk Chinmoy Krishna Das Brahmachari Arrest: बांग्लादेश की एक अदालत ने गुरुवार को हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी. उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दास पर अक्टूबर 2024 में देशद्रोह (Sedition) का आरोप लगाया गया था, जब उन्होंने चटगांव में एक रैली का नेतृत्व किया था, जिसमें उन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था.
वह बांग्लादेश सम्मिलितो सनातन जागरण जोते समूह के सदस्य हैं और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) से जुड़े हैं. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के एक नेता की शिकायत के आधार पर 30 अक्टूबर को चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दास और 18 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर 25 अक्टूबर 2024 को हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान शहर के लालदीघी मैदान में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था.
इस्कॉन ने रिहाई की मांग की थी
इस्कॉन ने भी आरोपों को निराधार बताते हुए चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की थी. संगठन ने अपने शांतिपूर्ण सिद्धांतों पर जोर दिया और आतंकवाद से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया था.
एक्स पर एक पोस्ट में, इस्कॉन ने कहा था, ‘हमें परेशान करने वाली रिपोर्ट मिली है कि इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख नेताओं में से एक चिन्मय कृष्ण दास को ढाका पुलिस ने हिरासत में लिया है. यह बेबुनियाद आरोप लगाना अपमानजनक है कि इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना है. इस्कॉन भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने और बांग्लादेश सरकार से बात करने और यह बताने का आग्रह करता है कि हम एक शांतिप्रिय भक्ति आंदोलन हैं.’ संगठन ने कहा था कि हम चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा करे. इन भक्तों की सुरक्षा के लिए हम भगवान कृष्ण से प्रार्थना करते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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