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अजमेर शरीफ पर चादर पेश करने पर हाजी सलमान चिश्ती ने कहा- नफरत की बात करने वालों को बड़ा संदेश

चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम की सराहना की और इसे शांति और प्रेम का बड़ा संदेश बताया.

Ajmer

अजमेर शरीफ दरगाह. (फाइल फोटो)

अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की गई. यह चादर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी लेकर दरगाह पहुंचे और मजार पर पेश की.

इस पर चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम की सराहना की और इसे शांति और प्रेम का बड़ा संदेश बताया. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से चादर पेश करना पूरे देश के लिए एकता और प्रेम का प्रतीक है. यह भारत की साझा विरासत को दर्शाता है, जो हमेशा से अमन और मोहब्बत की पहचान रही है.”

उन्होंने भारत की आध्यात्मिक विरासत को प्रेम और शांति की मिसाल बताते हुए कहा कि हमारा देश हर धर्म और समुदाय को साथ लेकर चलता है. प्रधानमंत्री का यह कदम इस विचार को और मजबूत करता है.

दरगाह के खादिम सैयद अफसान चिश्ती ने भी प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम की तारीफ करते हुए कहा कि चादर पेश करना उनके नेतृत्व और देश की विविधता के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए दुआ की गई कि उनके नेतृत्व में भारत प्रगति करे और पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए.

ओवैसी ने कसा तंज

इस बीच, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री के चादर भेजने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी चादर तो भेज रहे हैं, लेकिन बीजेपी और आरएसएस देशभर में धार्मिक स्थलों और खुदाई को लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं. मस्जिदों और दरगाहों की मान्यता पर सवाल उठाए जा रहे हैं.”

ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ नेता अजमेर दरगाह को दरगाह मानने से इंकार करते हैं. उन्होंने कहा कि चादर भेजने से वास्तविक लाभ नहीं होगा, लेकिन सरकार को यह दिखाना चाहिए कि वह उस समुदाय के साथ खड़ी है, जहां चादर भेजी जा रही है. उन्होंने Places of Worship Act, 1991 को लेकर भी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की.

ओवैसी के बयान पर नसीरुद्दीन चिश्ती का पलटवार

ओवैसी के इन बयानों पर अजमेर दरगाह के प्रमुख उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “दरगाह पर चादर भेजना एक पुरानी परंपरा है, जिसे हर प्रधानमंत्री ने निभाया है. पीएम मोदी भी पिछले 10 वर्षों से यह परंपरा निभा रहे हैं. यह उनके ख्वाजा गरीब नवाज के प्रति गहरी श्रद्धा को दर्शाता है.”

उन्होंने आगे कहा कि चादर भेजना न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उन लोगों के लिए एक जवाब है जो देश में नफरत फैलाने और लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं.

कांग्रेस ने भी पेश की चादर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस ने भी अजमेर शरीफ के लिए चादर भेजी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से भेजी गई चादर को अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख इमरान प्रतापगढ़ी दरगाह में पेश करेंगे.

-भारत एक्सप्रेस



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