सोमवार को आया था भूकंप (फोटो-ट्विटर)
Earthquake: तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में ढहे घरों के मलबे से और शव निकाले जाने बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 16035 से अधिक हो गई है. तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
एजेंसी ने कहा कि तुर्किये में सोमवार तड़के आए भूकंप और बाद के झटकों से देश में 12,873 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. इस भूकंप के कारण दक्षिण-पूर्वी तुर्की में हजारों इमारतें गिर गईं.
दूसरी तरफ, सीरिया में भी 3,162 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है.
बचावकर्मियों ने क्षतिग्रस्त घरों के मलबों में जीवित बचे लोगों की तलाश जारी रखी है, लेकिन हादसे के तीन दिन बीतने और भीषण ठंड के कारण हर बीतते घंटे के साथ और लोगों को बचा पाने की उम्मीदें भी फीकी पड़ती नजर आ रही हैं.
इंग्लैंड स्थित ‘नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी’ में प्राकृतिक खतरों के विशेषज्ञ स्टीवन गोडबाय ने कहा, ‘‘पहले 72 घंटों को महत्वपूर्ण माना जाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘24 घंटों के भीतर जीवित रहने का औसतन अनुपात 74 प्रतिशत, 72 घंटों के बाद 22 प्रतिशत और पांचवें दिन यह छह प्रतिशत होता है.’’
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तुर्की और सीरिया में सोमवार और मंगलवार को आए भूकंप से तबाही जारी है. तुर्किये में जैसा भूकंप आया है, वैसा हर साल दर्जनों बार आता है. सोमवार को आया ये भूकंप इतना खतरनाक था कि इसने तुर्की को 10 फीट खिसका दिया. ऐसा दावा दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने किया है.
आखिर क्यों आते हैं भूकंप?
पृथ्वी के अंदर का भाग अलग-अलग प्लेटों से मिलकर बना है. इन्हें ‘टेक्टोनिक प्लेट’ कहा जाता है. पृथ्वी के अंदर ऐसी सात प्लेटें हैं. इनमें से हर प्लेट की मोटाई लगभग 100 किलोमीटर होती है. अक्सर ये प्लेटें खिसकती रहतीं हैं और पास की प्लेटों से घर्षण होता है. कभी-कभी ये घर्षण इतना बढ़ जाता है कि एक प्लेट दूसरी के ऊपर चढ़ जाती है, जिससे सतह पर हलचल महसूस होती है.
-भारत एक्सप्रेस
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