अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प (Donal Trump) ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के सभी उम्मीदवारों को एक संज्ञानात्मक परीक्षण (Cognitive Test) से गुजरना चाहिए, जिससे इस बारे में पता चलेगा कि वह व्यक्ति जिस पद पर बैठना चाहता है वह उस पद के लिए मानसिक रूप से सक्षम है.
पेंसिल्वेनिया (Pennsylvania) में एक रैली में बोलते हुए ट्रम्प ने कहा है कि उन्हें कोई संज्ञानात्मक (Cognitive) समस्या नहीं है, जबकि उनकी डेमोक्रेटिक (Democratic) प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस (Kamala Harris) ने कहा है कि उनके पास बीबीसी की रिपोर्ट है.
मैंने दो बार Cognitive Test पास किया
ट्रम्प ने रैली में बोलते हुए कहा ” यह उम्र के आधार पर नहीं. मैं वास्तव में उन सभी लोगों के लिए Cognitive Test की मांग करता हूं जो राष्ट्रपति पद के लिए लड़ना चाहते हैं. मैं 80 साल का नहीं हूं और ना ही मैं 80 के करीब हूं.” उन्होंने कहा, “मैंने दो बार Cognitive Test दिए और मैं दोनों में पास हो गया.” Trump ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि Cognitive Test की अनिवार्यता असंवैधानिक होगा.
वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस के चुनावी अभियान ने लगातार Donald Trump के संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर संदेह जताया है और उनके मेडिकल रिकॉर्ड जारी करने से इनकार करने के लिए उनकी आलोचना भी की है.
क्या है Cognitive Test
Cognitive Test किसी मनुष्य के मानसिक प्रकार्य और मस्तिष्क द्वारा विचारों को संसाधित करने का मूल्यांकन करता है. इस प्रक्रिया में संबंधित व्यक्ति से आसान प्रश्न पूछे जाते हैं और आसान कार्य करवाकर उसका टेस्ट लिया जाता है. परीक्षण के परिणामों के आधार पर मनुष्य के संज्ञानात्मक हानि (Cognitive Impairment), Dementia या Pseudo Dementia का इलाज किया जाता है, जिससे व्यक्ति के व्यवहार और संज्ञान में सुधार आता है. यह उन लोगों के लिये है जिन्हें Memory loss, भूलने की बीमारी, ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में कठिनाई का अनुभव होता है.
-भारत एक्सप्रेस
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