Bharat Express

हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और तनाव के बीच भारतीय विदेश सचिव के Bangladesh दौरे के क्या मायने हैं?

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के दौरान यहां अल्पसंख्यकों खासतौर पर हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, जिसके बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री. (फोटो: IANS)

Foreign Secretary of India in Bangladesh: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Vikram Misri) 9 दिसंबर को फॉरेन ऑफिस कन्सलटेशन (FOC) के लिए बांग्लादेश जाने वाले हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विक्रम मिस्री इस दौरे में कई बैठकों में शामिल होंगे.

विक्रम मिस्री ढाका तब जा रहे हैं, जब दोनों देशों में तनाव की स्थिति है. मिस्री बांग्लादेश के साथ फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशस का नेतृत्व करेंगे और अपने समकक्ष से मुलाकात करेंगे. साथ ही वो अपने दौरे के दौरान कई अन्य बैठकों में भी भाग लेंगे.

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा

मालूम हो कि शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत कई बार बांग्लादेश में हिंदुओं समेत बाकी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जता चुका है, जबकि बांग्लादेश भारत की चिंताओं को खारिज करता रहा है. बांग्लादेश ने यहां तक कहा है कि भारत उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है.

अगरतला घटनाक्रम


शेख हसीना बीते 5 अगस्त को सत्ता छोड़ने के बाद से भारत में रह रही हैं. पिछले हफ्ते ही अगरतला में बांग्लादेश के उप-उच्चायोग की इमारत में तोड़फोड़ हुई थी. इस पर बांग्लादेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और भारत ने इस पर खेद जताया था. भारत ने इस मामले में सुरक्षा में कोताही को लेकर कार्रवाई भी की, लेकिन बांग्लादेश ने अगरतला मिशन में वीजा सेवा बंद कर दी. बांग्लादेश ने अपने कोलकाता उप-उच्चायोग के उप-उच्चायुक्त शिकदर मोहम्मद अशराफुर रहमान और अगरतला उप-उच्चायोग के उप-उच्चायुक्त अरिफुर रहमान को वापस आने का निर्देश दिया.


ये भी पढ़ें: क्या है Mamata Banerjee का मास्टर प्लान? जानें अपने उत्तराधिकारी को लेकर उन्होंने क्या कहा


चिन्मय दास की गिरफ्तारी

बांग्लादेश में जमीनी हालात और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि संबंधित व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों का सम्मान किया जाएगा और मुकदमा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चलाया जाएगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम अपनी स्थिति को फिर दोहराना चाहते हैं कि उनके पास कानूनी अधिकार है और हम आशा करते हैं कि इन कानूनी अधिकारों का सम्मान किया जाएगा और मुकदमा निष्पक्ष और पारदर्शी होगा. उन्हें निष्पाक्ष और पारदर्शी ट्रायल मिलेगा.’

हिंदुओं पर लगातार हमले

इससे पहले बीते 4 दिसंबर को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा था कि दोनों देशों के विदेश सचिव आपसी हित के मुद्दों पर बातचीत करेंगे. शफीकुल ने कहा, ‘हम भारतीय विदेश सचिव की यात्रा का इंतजार कर रहे थे, दोनों विदेश सचिव आपसी हित के मुद्दों पर बात करने वाले हैं और हमें उम्मीद है कि ये बैठकें दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों को गहरा करने में मदद करेंगी.’

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के दौरान यहां अल्पसंख्यकों खासतौर पर हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, जिसके बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read