(फाइल फोटो: IANS)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हरियाणा-महाराष्ट्र और उपचुनावों में INDIA ब्लॉक के खराब प्रदर्शन पर चिंता जताई है. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था. अब मोर्चे का नेतृत्व करने वालों पर इसके मैनेजमेंट की जिम्मेदारी है. अगर वे इसे नहीं चला सकते, तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं केवल इतना कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलना होगा.’
ममता ने ये भी कहा, ‘मुझे मौका मिले तो मैं इस गठबंधन को लीड जरूर करूंगी. मैं बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं यहीं से गठबंधन को चलाऊंगी. मैं यहां मुख्यमंत्री रहते हुए दोनों जिम्मेदारी निभा सकती हूं.’
इंडिया गठबंधन पर क्या बोला
बीजेपी का मुकाबला करने के लिए गठित INDIA ब्लॉक में दो दर्जन से अधिक विपक्षी दल शामिल हैं. हालांकि, आंतरिक मतभेदों और आपसी तालमेल की कमी की वजह से इसकी कई बार आलोचना भी होती रही है. ममता बनर्जी का यह बयान उनकी पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी के कांग्रेस और अन्य इंडिया ब्लॉक सहयोगियों को लेकर दिए बयान के बाद सामने आया है. कल्याण बनर्जी ने कहा था कि कांग्रेस और INDIA ब्लॉक को अपने अहंकार को अलग रखना चाहिए और ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन के नेता के रूप में मान्यता देनी चाहिए.
ममता का उत्तराधिकारी कौन?
इस दौरान ममता से पार्टी में उनके उत्तराधिकारी के बारे में पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘TMC एक अनुशासित पार्टी है. यहां कोई भी नेता अपनी शर्तें तय नहीं कर सकता. पार्टी तय करेगी कि लोगों के लिए क्या सबसे अच्छा है. हमारे पास विधायक, सांसद, बूथ कार्यकर्ता हैं, जो तय करेंगे कि मेरे बाद पार्टी कौन संभालेगा?’
ममता बनर्जी के करीबी नेताओं और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी नेताओं के बीच मतभेद की स्थिति TMC में लंबे समय से देखने को मिली है. इसे लेकर ममता ने कहा, ‘पार्टी के लिए हर कोई महत्वपूर्ण है. ममता का कहना है कि आज का नया चेहरा कल का अनुभवी होगा.’
रणनीतिकारों के जरिये चुनाव नहीं जीते जाते
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद लेने के सवाल पर ममता ने कहा, ‘कुछ रणनीतिकार घर बैठे सर्वे करते हैं और बाद में सर्वे को बदल देते हैं. वे चीजों की प्लानिंग कर सकते हैं, व्यवस्थित कर सकते हैं, लेकिन वोटर्स को बूथ पर नहीं ला सकते.’
ममता का कहना है कि सिर्फ बूथ कार्यकर्ता ही गांवों और लोगों को जानते हैं, ये ही लोग चुनाव जिताते हैं. चुनावी रणनीतिकार सिर्फ आर्टिस्ट हैं, जो पैसे के बदले अपना काम करते हैं, लेकिन उनके जरिये चुनाव नहीं जीते जाते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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