फोटो-सोशल मीडिया
France Emergency: फ्रांस से हजारों किलोमीटर दूर न्यू कैलेडोनिया में दंगा भड़क गया है. इस घटना में चार लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. इसी के बाद फ्रांस ने यहां 12 दिन के लिए आपातकाल लागू कर दिया गया है. न्यू कैलेडोनिया नाम का द्वीप दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया के पास एक फ्रांसीसी क्षेत्र है.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक ये दंगा फ्रांस की राजधानी पेरिस में सांसदों द्वारा नए विधेयक पर सहमति बनाने के बाद भड़का है. इसको लेकर गुरुवार सुबह शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा कि सशस्त्र बलों को न्यू कैलेडोनिया के दो हवाई अड्डों और बंदरगाहों की रक्षा करने के लिए तैनात किया गया है. हिंसा को देखते हुए यहां पर टिकटॉक वीडियो ऐप पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
इसलिए भड़का दंगा
रअसल पेरिस में जो नया विधेयक पास हुआ है, इसके मुताबिक 10 वर्षों से न्यू कैलेडोनिया में रहने वाले फ्रांसीसी निवासियों को प्रांतीय चुनावों में मतदान करने की अनुमति दी जाएगी. माना जा रहा है कि इस निर्णय के सामने आने के बाद कुछ स्थानीय नेताओं को इस बात का डर सताने लगा है कि इससे वहां के मूल निवासियों (कनक) के वोट की अहमियत कम हो जाएगी. इसी के बाद से इस विधेयक के खिलाफ पिछले तीन दिनों से न्यू कैलेडोनिया में हिंसा की आग भड़की हुई है.
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200 लोग हुए गिरफ्तार
फ्रांस के उच्चायुक्त लुईस ले फ्रैंक ने एक टेलीविजन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, फ्रांस शासित द्वीप पर तीन नगर पालिकाओं में सुरक्षा बलों को लगभग 5,000 दंगाइयों का सामना करना पड़ा, जिनमें राजधानी नौमिया (Noumea) में 3,000 से 4,000 के बीच शामिल थे.
उन्होंने ये भी कहा है कि 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा में पैरामिलिट्री के 64 कर्मचारियों के साथ कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. मालूम हो कि 1853 में फ्रांस ने खनिज समृद्ध न्यू कैलेडोनिया पर कब्जा कर लिया था और फिर यहां के निवासियों को 1957 में फ्रांस की नागरिकता दी गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूरोपीय लोगों और यहां के कनक लोगों के बीच लंबे समय से तनाव की स्थिति बनी हुई है.
कई वाहनों में लगाई आग, दुकानों में लूटपाट
न्यू कैलेडोनिया में दंगे की स्थिति को देखते हुए 12 दिनों के लिए आपातकाल लागू कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पर प्रदर्शनकारियों ने तमाम दुकानों में लूटपाट की है और कई वाहनों में आग लगा दी है.
नौमिया के निवासी योन फ्लूरोट ने मीडिया के सामने दावा किया कि उन्होंने लूटपाट होते हुए देखा है. कुछ दुकान के मालिक दुकान को नुकसान न पहुंचाने के लिए अपील भी कर रहे हैं. हिंसा में गोली लगने से 24 साल के पुलिसकर्मी की मौत हो गई है तो वहीं कनक समुदाय के तीन युवाओं की मौत हो गई है.
-भारत एक्सप्रेस