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China: आपको हो सकता है कि दुनिया के तमाम देशों की खूफिया एजेंसियों की जानकारी हो. मसलन रॉ, आईएसआई, एमआई-6, सीआईए जैसी कई खुफिया एजेंसियों के बारे में तो आपने अवश्य ही सुना होगा लेकिन शायद ही किसी ने चीन की खुफिया एजेंसी के बारे में कभी सुना हो. दुनिया में तमाम देश ऐसे हैं जो अपनी खुफिया एजेंसी के बारे बात तो कर लेते हैं लेकिन चीन में सरकार अपनी खुफिया एजेंसी के बारे में कभी कोई जिक्र करती नजर नहीं आती और ये खूफिया एजेंसी भारत सहित दुनिया के तमाम देशों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखती हैं.
जानें चीन की खुफिया एजेंसी के बारे में
जैसे हर देश में खुफिया विभाग होता है, ठीक उसी तरह चीन में भी खुफिया विभाग है. इस विभाग की स्थापना साल 1983 में की गई थी. चीन के सुरक्षा विभाग को राज्य सुरक्षा मंत्रालय (MSS) कहा जाता है. यह चीन के लिए सीआइए और एफबीआई दोनों ही एजेंसियों के काम करता है. चीन के कैबिनेट के तहत अन्य मंत्रालयों की तरह काम करता है. मालमू हो कि इस एजेंसी के पास पूरे चीन में प्रांतीय और नगर पालिका शाखाओं का विशाल नेटवर्क है. विभाग काउंटर-इंटेलिजेंस, विदेशी इंटेलिजेंस के साथ-साथ घरेलू और विदेशी धरती पर खुफिया तंत्र द्वारा जानकारी जुटाने, निगरानी रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी सम्भालता है.
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जानें इस विभाग की क्या हैं शक्तियां?
साल 2017 में लागू किए गए राष्ट्रीय खुफिया कानून के तहत, एमएसएस के पास अन्य खुफिया तंत्रों के साथ-साथ देश और विदेश दोनों जगहों पर जासूसी गतिविधियां संचालन करने की अनुमति हैं. इस तरह से कहा जा सकता है कि चीन की खुफिया एजेंसी के पास ऐसी कई शक्तियां हैं जिसके तहत वो देश और विदेश दोनों में काम कर सकती है. एमएसएस किसी भी व्यक्ति या संस्थान को खुफिया गतिविधियों में शामिल होने के लिए भी आदेश दे सकता है. साथ ही चीन के आपराधिक प्रक्रिया कानून के अंतर्गत एमएसएस और नियमित पुलिस को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अपराधों के लिए लोगों को गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने के लिए एक जैसे ही अधिकार हैं.
इसके अलावा MSS किसी भी ऐसे व्यक्ति को 15 दिनों तक प्रशासनिक हिरासत में ले सकती है जो किसी भी प्रकार से खुफिया तंत्र के काम या जानकारी को बाधित करने की कोशिश भी करता है.
-भारत एक्सप्रेस