
Israel Hamas War: लेबनान के उग्रवादी संगठन हिज़बुल्ला ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को खुली धमकी दी है. शुक्रवार को दिए गए बयान में हिज़बुल्ला के नेता नईम कासेम ने कहा कि जब तक इजराइली सेना दक्षिणी लेबनान में बनी रहेगी औ रइजराइली वायुसेना लेबनान की हवाई सीमा का उल्लंघन करती रहेगी, तब तक उनके लड़ाके हथियार नहीं छोड़ेंगे.
कासेम ने अपने भाषण में कहा कि हिज़बुल्ला ने अमेरिका की मध्यस्थता से बने युद्धविराम समझौते का पालन किया है. इसी के चलते पिछले 14 महीनों से इजराइल और हिज़बुल्ला के बीच सीधी लड़ाई बंद है.
हिज़बुल्ला के हथियार हमारी आज़ादी का प्रतीक: कासेम
नईम कासेम ने कहा, “हम किसी को भी अपने हथियार छीनने की इजाजत नहीं देंगे. इन्हीं हथियारों ने हमें जिंदा रखा और आज़ादी दिलाई.” उन्होंने साफ किया कि जब तक इजराइल अपने ड्रोन हमले बंद नहीं करता और अपनी सेना पीछे नहीं हटाता, तब तक किसी तरह की बातचीत संभव नहीं है. उन्होंने कहा, “बातचीत का मतलब आत्मसमर्पण नहीं होना चाहिए. पहले इजराइल पीछे हटे, फिर चर्चा होगी.”
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका के विशेष राजदूत मॉर्गन ऑर्टागस लेबनान दौरे पर हैं. उन्होंने लेबनान सरकार से पूरे देश पर नियंत्रण स्थापित करने को कहा था, न कि केवल दक्षिणी हिस्से में.
इजराइली हमलों में 71 मौतें, महिलाएं और बच्चे भी शामिल
हालांकि युद्धविराम के बावजूद इजराइल के हवाई हमले लेबनान में लगातार जारी हैं. इन हमलों में अब तक 71 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें 14 महिलाएं और 9 बच्चे भी शामिल हैं. इजराइल का दावा है कि वह हिज़बुल्ला के ठिकानों को ही निशाना बना रहा है.
14 महीनों में 4000 से अधिक मौतें
7 अक्टूबर 2023 को इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ. इसके अगले ही दिन हिज़बुल्ला ने इजराइल पर हमला किया. हिज़बुल्ला का कहना है कि वे हमास की मदद के लिए इजराइली सेना को उत्तरी सीमा पर व्यस्त रखने की कोशिश कर रहे हैं. इस संघर्ष में अब तक लेबनान में 4,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. यह आंकड़ा विश्व बैंक ने जारी किया है.
समझौते के बावजूद पूरी तरह नहीं हटे इजराइली सैनिक
युद्धविराम समझौते में तय हुआ था कि हिज़बुल्ला को दक्षिणी लेबनान से पीछे हटना होगा और लिटानी नदी के दक्षिण में अपने ठिकाने खाली करने होंगे. बदले में इजराइल को अपनी सेना वहां से हटानी थी. लेबनान की सेना और संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना को वहां सुरक्षा व्यवस्था संभालनी थी.
हालांकि इजराइल ने फरवरी में अपने अधिकतर सैनिक वापस बुला लिए, लेकिन अब भी उसकी पांच चौकियां लेबनानी इलाके में बनी हुई हैं. लेबनान का कहना है कि यह युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन है.
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-भारत एक्सप्रेस
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