यूके में तैयारी करते भारतीय
22 जनवरी का दिन इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. इस दिन रामलला की अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. वही इसे लेकर देशभर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. इंग्लैंड के मध्य में अयोध्या से हजारों मील दूर स्थित स्लॉग हिंदू मंदिर के लोगों में भी गजब का उत्साह दिखा है क्योंकि यहां के लोग अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह का जश्न मनाने के लिए तैयार है.
250 हिंदू मंदिरों में तैयारी
समारोह को लेकर ब्रिटेन में उत्साह चरम पर है. ब्रिटेन में लगभग 250 हिंदू मंदिर हैं और वे सभी 22 जनवरी को उत्सव की तैयारी कर रहे हैं. सामुदायिक कार्यक्रमों से लेकर कार रैलियों तक, और विशेष ‘आरती’ से लेकर ‘अखंड रामायण’ पाठ होने जा रहा है. वहीं यूके के हिंदू समुदाय और मंदिर इस अवसर को भगवान राम की अपने सही निवास में ‘वापसी’ के रूप में मनाने के लिए इस दिन को “दूसरी दिवाली” के रूप में मना रहा है.
सज रहे मंदिर
यूके में भारतीय प्रवासी (आईडी यूके ) संगठन के सैकड़ों स्वयंसेवक कल बड़े दिन के लिए मंदिर को सजाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. माना जा रहा है कि इस दिन को मनाने के लिए मंदिर में लगभग 4000-4500 आगंतुक आ सकते हैं. वहीं 22 जनवरी को एक विशेष ‘पूजा’ और भजन का भी आयोजन किया जाएगा. स्लॉग हिंदू मंदिर के मुख्य पुजारी नरेश सारस्वत ने कहा कि वे 22 जनवरी को लंदन के पश्चिम में अयोध्या जैसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए, मुख्य पुजारी ने कहा, “22 जनवरी को सुबह 11 बजे अनुष्ठान शुरू होगा, शाम 7 बजे तक भजन, कीर्तन और अन्य कार्यक्रम किए जाएंगे और शाम 7 बजे ‘आरती’ की जाएगी और उसके बाद लंगर और प्रसाद दिया जाएगा. वहीं घर लौटने से पहले सभी को ‘महाप्रसाद’ लड्डू भी दिया जाएगा.” इसके अलावा उन्होंने कहा, “अयोश्या से अक्षत (धन्य चावल) मंदिर पहुंच गया है. इसका कुछ हिस्सा यहां आने वाले सभी भक्तों को भी दिया जाएगा.”
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भारत से लाई गई पोशाकें
भगवान राम, भगवान लक्ष्मण और माता सीता की मूर्तियों को पहले ही भारत से लाई गई नई पोशाकों से सजाया जा चुका है. सबसे ज्यादा उत्साह 250 किलो के लड्डुओं को लेकर है जिन्हें तैयार कर भक्तों के बीच बांटने के लिए मंदिर लाया जा रहा है. स्वयंसेवक, जिनमें महिलाएं, पुरुष और यहां तक कि बच्चे भी शामिल हैं, इस बड़े दिन के लिए लड्डुओं को पैक करने और उन्हें बॉक्स में रखने में घंटों बिता रहे हैं.