सिफर मामले में इमरान खान दोषी करार
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इमरान खान को सिफर मामले में पाक की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उनके चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इससे पहले इमरान खान को तोशाखाना मामले में तीन साल की सजा हुई थी. जिसमें उन्होंने इस सजा के खिलाफ उच्च अदालत में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी थी और जेल से रिहा करने के आदेश दिए थे.
डिप्लोमैटिक केबल को किया था लीक
अब इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं. बता दें कि इमरान खान पर पिछले साल वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) को लीक करने का आरोप लगा था. जिसमें उनके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था. सिफर या डिप्लोमैटिक केबल एक संवाद होता है, जिसमें विदेशी मिशन की तरफ से देश को संदेश भेजा जाता है. इस संवाद में मिशन से जुड़ी बातचीत और अन्य जानकारियां होती हैं. जिसे डिकोड करके पढ़ा जाता है.
27 मार्च 2022 को पहली बार सामने आया था सिफर मामला
सिफर मामला 27 मार्च 2022 को पहली बार सामने आया था. इसी साल इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के बाद पूर्व पीएम ने एक रैली की थी. इस रैली में उन्होंने एक कागज लहराते हुए कहा था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए विदेशी ताकतें साजिश रच रही हैं. उनके राजनीतिक विरोधियों ने पीटीआई सरकार को गिराया है.
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चुनाव लड़ने पर भी तलवार लटक रही
गौरतलब है कि पूर्व पीएम इमरान खान प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद लगातार कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं. इसी के चलते उनके राजनीतिक जीवन पर काले बादल मंडरा रहे हैं. सिफर मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद अब उनके चुनाव लड़ने पर भी तलवार लटक रही है. इमरान खान करीब 150 अदालती मामलों का सामना कर रहे हैं. जिसमें कोर्ट की अवमानना, आतंकवाद, हिंसा भड़काना और भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामले शामिल हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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