सांकेतिक तस्वीर.
Iran Hijab Bill: ईरान की संसद ने एक नया बिल (Iran Hijab Bill) पारित कर महिलाओं और पुरुषों के लिए नया ड्रेस कोड लागू कर दिया है. अब इसको लेकर विवाद बढ़ सकता है. संसद द्वारा पारित इस बिल में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं और उनका साथ देने वालों पर भारी जुर्माने का प्रावधान है. साथ ही ड्रेस कोड का उल्लघंन करने पर 10 साल की अधिकतम सजा का भी प्रावधान है.
ईरान ने यह कदम 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के एक साल पूरा होने के कुछ वक्त बाद उठाया है. महसा अमीनी को इस्लामिक परंपरा का पालन नहीं करने के आरोप में ‘मोरैलिटी पुलिस’ ने हिरासत में लिया था. बाद में अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इसके बाद ईरान में सत्ता विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जो महीनों तक चले थे.
10 साल की सजा का है प्रावधान
ईरान की संसद द्वारा पारित बिल (Iran Hijab Bill) में हिजाब नहीं लगाने पर महिलाओं पर भारी जुर्माने के अलावा उन कारोबारियों को भी दंड देने का प्रावधान है जो हिजाब नहीं पहनीं महिलाओं को सामान बेचते हैं या अन्य प्रकार की सेवाएं देते हैं. इस बिल के खिलाफ लामबंद होने पर अधिकार कार्यकर्ताओं को भी दंडित किए जाने की प्रावधान है.
क्या हैं पाबंदियां
नए बिल के प्रावधानों में कहा गया है कि महिलाएं टाइट कपड़े नहीं पहन सकती है या फिर ऐसे कपड़े नहीं पहन सकती हैं जिससे बॉडी पार्ट्स दिखते हों. इसमें कहा गया है कि प्यूबर्टी के बाद महिलाओं और लड़कियों को अपने बालों को हिजाब से ढंकना होगा और अपने शरीर के हिस्से को छिपाने के लिए लंबे-ढीले कपड़े पहनने होंगे. इसके अलावा पुरुषों के लिए भी कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं, जिसमें कहा गया है कि उनको ऐसे कपड़े नहीं पहनने हैं जिनसे उनका सीना या फिर टखनों के ऊपर का हिस्सा दिखता हो.
इस बिल में दोषियों को इन अपराधों के लिए दस साल की सजा का प्रावधान है. ईरान की 290 सदस्यीय संसद में 152 सांसद इसके पक्ष में थे. इस विधेयक को अब अंतिम मंजूरी के लिए ‘गार्डियन काउंसिल’ के पास भेजा जाएगा. यह मौलवियों की एक इकाई है जो संवैधानिक निगरानीकर्ता के तौर पर काम करती है.
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बता दें कि अमीनी की मौत के बाद 16 सितंबर 2022 से देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए थे. सरकार की कार्रवाई में 500 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए और 22,000 से अधिक को हिरासत में लिया गया था. इस प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने अपने हेडस्कार्फ़ जलाए, अपने बाल काटे और वेस्टर्न कपड़ों में बाहर घूमते नजर आई थीं. प्रदर्शन खत्म होने के बाद भी महिलाओं ने हिजाब लगाना छोड़ दिया था और वे सार्वजनिक स्थानों पर बिना हेडस्कार्फ के नजर आने लगी थीं. इसकी निगरानी के लिए ईरान की सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए थे. इस मामले को अतंरराष्ट्रीय मीडिया ने भी काफी तवज्जो दी थी.
-भारत एक्सप्रेस
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