किंग चार्ल्स
लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में शनिवार को एक भव्य समारोह में पारंपरिक रस्म के साथ चार्ल्स तृतीय को आधिकारिक रूप से शाही राजकीय ताज पहनाया गया. उनकी मां, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 70 वर्ष पहले की गई यादगार ताजपोशी की तरह यह समारोह भी आयोजित किया गया. किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में दुनियाभर के 2000 से अधिक मेहमान शामिल हुए.
करीब हजार वर्ष पुरानी धार्मिक रस्म की शुरूआत चार्ल्स तृतीय द्वारा कैंटरबरी के आर्चबिशप के समक्ष पद की शपथ लेने के साथ शुरू हुई, जिसमें ब्रिटेन के प्रथम हिंदू प्रधानमंत्री ऋषि सुनक द्वारा एक धार्मिक ग्रंथ पढ़ा जाना भी शामिल है.
धार्मिक समारोह में चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला द्वारा पद की साथ-साथ शपथ लेने के लिए ईश्वर को साक्षी मानते हुए सांकेतिक रूप से फिर से विवाह करना भी शामिल है. चार्ल्स की ताजपोशी के दौरान उपयोग में लाये गये राज सिंहासन को महाराजा जॉर्ज षष्ठम और महारानी एलिजाबेथ के राज्याभिषेक के लिए मई 1937 में निर्मित किया गया था. शनिवार की तरह उस दिन भी यहां बारिश का मौसम था.
वेस्टमिंस्टर एबे 1066 में विलियम प्रथम के समय से प्रत्येक ब्रिटिश राज्याभिषेक का गवाह रहा है. चार्ल्स तृतीय (74) और उनकी पत्नी कैमिला (75) ने इसी परंपरा का अनुसरण किया है. हिंदू, सिख, मुस्लिम, बौद्ध और यहूदी समुदायों के प्रतिनिधियों ने चार्ल्स की ताजपोशी से पहले एबे में एक जुलूस निकाला तथा समारोह के दौरान ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स के भारतीय मूल के सदस्यों ने चार्ल्स को पारंपरिक पोशाक सौंपी.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया भारत का प्रतिनिधित्व
चार्ल्स और कैमिला शाही बग्घी में सवार होकर वेस्टमिंस्टर पैलेस से एबे पहुंचे. उनके साथ सैन्य कर्मी भी थे. मध्य लंदन की सड़कों के दोनों ओर काफी संख्या में उनके शुभचिंतक झंडे लहरा रहे थे. वहीं, प्रदर्शनकारियों के कुछ समूह ने राजशाही खत्म करने के लिए ट्राफलगर स्क्वायर पर प्रदर्शन किये. कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किये जाने की भी खबरें हैं. एबे पहुंचने पर चार्ल्स का करीब 2,000 लोगों के समूह ने अभिवादन किया, जिनमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ ने इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया. वे दोनों यहां अन्य राष्ट्रमंडल देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठे थे.
बकिंघम पैलेस ने कहा, ‘‘शाही राजकीय ताज या राज मुकुट, वह ताज है जिसे महाराजा ने ताजपोशी समारोह के अंत में सेंट एडवर्ड के ताज की जगह पहना. शाही राजकीय ताज का उपयोग संसद सत्र के शुरू होने जैसे अवसरों पर भी किया जाता है.’’ कैमिला ने महारानी मेरी का ताज पहना, जिसे जून 1911 में उनकी (मेरी की) ताजपोशी के लिए निर्मित किया गया था. उस वक्त इसमें विवादित कोहिनूर हीरा भी जड़ा हुआ था, जिसे बाद में हटा कर उसकी एक क्रिस्टल प्रतिकृति जड़ दी गई.
चार्ल्स तृतीय ने राज्याभिषेक समारोह के दौरान दूसरी शपथ लेते हुए कहा कि वह एक ‘धर्मनिष्ठ प्रोस्टैंट’ हैं. कैंटरबरी के आर्चबिशप ने कहा कि ब्रिटेन में विभिन्न धर्मों का सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि चर्च ऑफ इंग्लैंड एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करेगा, जिसमें सभी धर्मों के लोग मुक्त रूप से रह सकें. इसके बाद चार्ल्स ने पवित्र ‘गोस्पेल’ पर हाथ रखा और अपने वादे पूरे करने की शपथ ली.