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Bangladesh में हिंदुओं के खिलाफ रुक नहीं रही हिंसा, अब तीन मंदिरों पर भीड़ ने किया हमला

इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद देश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा भड़क उठी है. चिन्मय कृ​ष्ण को बीते 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.

बांग्लादेश के चटगांव में शुक्रवार (29 नवंबर) को भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों पर हमला किया. यह घटना इस बंदरगाह शहर के हरीश चंद्र मुनसेफ लेन में दोपहर 2:30 बजे (बीडीटी) हुई, जिसमें शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया.

मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि नारे लगाने वाले लोगों द्वारा फेंकी गईं ईंटों से तीन हिंदू धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा. वहीं, बांग्लादेश के अधिकारियों ने समूहों के बीच टकराव के बाद कम से कम नुकसान की सूचना दी.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कर पाने में नाकाम रहने के आरोप लग रहे हैं. BD News 24 डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को सैकड़ों लोगों का एक समूह मंदिरों पर टूट पड़ा, ईंट-पत्थर फेंकने लगा, शनि मंदिर और अन्य दो मंदिरों के मुख्य द्वारों को नुकसान पहुंचाया गया.

नुकसान पहुंचाने की कोशिश

मंदिर के अधिकारियों ने नुकसान की पुष्टि की, इसमें टूटे हुए द्वार और अन्य नुकसान शामिल हैं. कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने हमले की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि हमलावरों ने जान-बूझकर मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की.

शांतनेश्वरी मंदिर प्रबंधन समिति के स्थायी सदस्य तपन दास ने कहा कि हमलावरों ने हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारेबाजी कर रहे थे. दास ने बताया कि हमले के दौरान मंदिर के अधिकारियों ने हमलावरों से कोई बातचीत नहीं की, बल्कि स्थिति बिगड़ता देख सेना को बुलाया. सेना ने तुरंत एक्शन लिया और व्यवस्था बहाल करने में मदद की. जब तक भीड़ पहुंची, तब तक मंदिर के द्वार सुरक्षित हो चुके थे, लेकिन स्ट्रक्चर को नुकसान पहले ही हो चुका था.

17 बैंक खाते फ्रीज

रिपोर्ट के अनुसार, हमला बिना उकसावे के हुआ और मंदिर के कर्मचारियों की तरफ से कोई महत्वपूर्ण प्रतिरोध नहीं किया गया. इस घटना ने बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं.

मालूम हो कि इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद देश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा भड़क उठी है. शुक्रवार को मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार ने कथित तौर पर देश के बैंकों को बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्सियसनेस (Iskcon) से जुड़े 17 लोगों के खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है. इसमें जेल में बंद इसके नेता चिन्मय कृष्ण दास भी शामिल हैं.

चिन्मय कृष्ण पर ये है आरोप

बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रवक्ता रह चुके चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार (25 नवंबर) को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देशद्रोह (Sedition) के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. यह आरोप चटगांव में 25 अक्टूबर को हुई एक रैली से जुड़े हैं, जहां कथित तौर पर बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराया गया था.

दास और 18 अन्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला 30 अक्टूबर को चटगांव में दर्ज किया गया था. इसमें उन पर राष्ट्रीय प्रतीकों को कमतर आंकने और अशांति भड़काने का आरोप लगाया गया था.

देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के सड़कों पर उतरने के बाद दास को मंगलवार (26 नवंबर) को चटगांव की एक अदालत में पेश किया गया और बाद में जेल भेज दिया गया. इसी समय न्यायालय भवन में हिंसा भड़क उठी, जिसके कारण 32 वर्षीय अधिवक्ता सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत हो गई. बांग्लादेश में कट्टरपंथी अब दास के समर्थकों को अधिवक्ता की मृत्यु के लिए दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि इस्कॉन और अन्य हिंदू संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्यायालय परिसर में उस दिन हुए उपद्रव में कोई हिंदू शामिल नहीं था.

-भारत एक्सप्रेस



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