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Bharat के साथ व्यापार दोबारा शुरू करने के मुद्दे पर ‘गंभीरता से विचार’ करेगा Pakistan: विदेश मंत्री इशाक डार

India-Pakistan: फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे साथ व्यापार संबंध खत्म कर लिए थे. इसके बाद अगस्त 2019 भारत के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ सीधे व्यापार संबंधों को निलंबित कर दिया था.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार.

पाकिस्तान एक बार फिर से भारत के साथ व्यापार संबंध स्थापित करने पर सोच विचार कर रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने लंदन में हुई एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस तरह की इच्छा जाहिर की है.

विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि इस मुद्दे पर पिछले साल पाकिस्तानी कारोबारियों ने उनसे संपर्क किया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार मामले से जुड़े सभी लोगों से सलाह लेने के बाद और प्रस्तावों की समीक्षा के बाद ही कोई निर्णय लेगा. इस बीच सिंगापुर का दौरा करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद को ‘उद्योग-स्तर’ के समर्थन के लिए पाकिस्तान पर हमला किया है.

फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे साथ व्यापार संबंध खत्म कर लिए थे. भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया था और सभी व्यापार पर टैरिफ कई गुना बढ़ा दिया था. इसके बाद अगस्त 2019 भारत के जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने कई अन्य राजनयिक उपायों के बीच भारत के साथ सीधे व्यापार संबंधों को निलंबित कर दिया था.

विदेश मंत्री डार ने लंदन में बोलते हुए कहा, ‘भारत ने 2019 में जो किया, संविधान और कानून में संशोधन के लिए जो कदम उठाए, वह बहुत दर्दनाक था, लेकिन मुझे लगता है कि पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय (व्यापार फिर से शुरू करने के लिए) बहुत उत्सुक है. जब मैंने पिछले साल वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था, तो व्यवसायियों ने बताया था कि आयात (भारत से) आज भी हो रहा है – ये दुबई या सिंगापुर के माध्यम से होता है और इसमें उच्च माल ढुलाई दर, ट्रांस-शिपमेंट और अन्य परिवहन लागत शामिल होते हैं.’

यह कहते हुए कि पाकिस्तान में सभी हितधारक ‘एक साथ बैठेंगे और चर्चा करेंगे कि व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए हम क्या कर सकते हैं.’

दोनों देशों के बीच कुछ मात्रा में व्यापार जारी

बीते फरवरी माह में भारत सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ कुछ मात्रा में व्यापार हवाई और समुद्री मार्गों के माध्यम से किया जा रहा है, लेकिन पड़ोसी देश ने भूमि सीमा के माध्यम से सभी व्यापार को ‘एकतरफा’ रोक दिया है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी लोकसभा में कहा कि यह पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र के माध्यम से मध्य एशियाई देशों में भारतीय सामानों के पारगमन की अनुमति दे. पटेल ने कहा कि पहले जो भी व्यापार होता था, सब अटारी-वाघा सीमा और कराची बंदरगाह के जरिये होता था. उन्होंने कहा था, ‘अब कोई भी व्यापार भूमि मार्ग से नहीं किया जा रहा है, लेकिन कुछ व्यापार समुद्र और हवा के माध्यम से किया जा रहा है.’

भारतीय विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी से इनकार किया

इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री की टिप्पणी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सिंगापुर में नेशनल यूनिवर्सिटी में अपनी पुस्तक ‘ह्वाई भारत मैटर्स’ के बारे में बोलते विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत में आतंकवाद के मुद्दे को ‘नजरअंदाज करने का मूड नहीं है’. जयशंकर ने कहा था, ‘यह कोई एक बार होने वाली घटना नहीं है, बल्कि लगातार हो रही है. उद्योग स्तर पर, ऐसे लोगों की एक लाइन है, जिनका काम बुरे काम (आतंकवाद) करना है.’

-भारत एक्सप्रेस



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