पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई लेखक तारिक फतेह
Tarek Fateh Passes Away: पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई लेखक व स्तंभकार तारिक फतेह का सोमवार को निधन हो गया. लंबे समय से बीमार चल रहे तारिक फतेह के निधन की पुष्टि उनकी बेटी नताशा ने की. तारिक फतेह को भारत में बेहद पसंद किया जाता था और वह बेबाकी से विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखते थे. वे कश्मीर के मसले पर अक्सर पाकिस्तान की सरकार को आईना दिखाते रहते थे. तारिक फतेह खुद को ‘हिंदुस्तान का बेटा’ और ‘पंजाब का शेर’ कहते थे. तारिक फतेह अक्सर कहा करते थे कि वह एक हिंदुस्तानी हैं जो पाकिस्तान में पैदा हुआ.
भारत को लेकर हमेशा नर्म रुख अपनाने वाले तारिक कहते थे, “भारत इकलौता ऐसा देश है जहां मुस्लिम बिना डर के अपना प्रचार-प्रसार कर सकते हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुकाबले भारत के मुस्लिम ज्यादा सक्षम हैं.” एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने दावा किया था, “पाकिस्तान जल्द टूटेगा. अगर आप पाकिस्तान जाना चाहते हैं तो आप इस्लामाबाद मत जाइए, ढाका जाइए.” कनाडाई लेखक ने कहा था, “भारत है तो दुनिया है और अगर भारत खत्म हुआ तो दुनिया खत्म हो जाएगी.” उन्होंने भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की जमकर तारीफ भी की थी.
हालांकि, इस्लाम की कुछ परंपराओं को लेकर उनके बयानों पर विवाद भी बढ़ जाता था. अक्सर टीवी डिबेट्स में वे पाकिस्तानी गेस्ट पर भड़क उठते थे और उनको नसीहत देने लगते थे. तारिक फतेह मुगलों की आलोचना करते नहीं थकते थे लेकिन दारा शिकोह के प्रति उनका खास लगाव था. दारा शिकोह को हिंदुस्तान की पूरी तारीख में सबसे बेहतरीन मुसलमान बताते हुए तारिक ने कहा था कि उसकी गर्दन काट दी गई और कातिल (औरंगजेब) इनका हीरो बन गया.
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RSS भी करता था पसंद
तारिक फतेह ऐसे पाकिस्तानी थे जिनको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी पसंद करता था. आरएसएस ने तारिक फतेह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि मीडिया के साथ-साथ साहित्य जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. आरएसएस के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक शोक संदेश में कहा कि फतेह एक प्रसिद्ध विचारक, लेखक और टिप्पणीकार थे.
20 नवंबर, 1949 को कराची में जन्मे तारिक फतेह कराची सन नामक अखबार में रिपोर्टिंग करते थे. वे खोजी पत्रकारिता करने के दौरान जेल भी गए. हालांकि, बाद में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया और दुबई चले गए. वहां से तारिक कनाडा चले गए और कनाडा के होकर रह गए.
-भारत एक्सप्रेस