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“पाकिस्तान की ISI मिली हुई है आतंकवादियों के साथ…” अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में NSA रहे मैक्मास्टर ने किया बड़ा दावा

मैक्मास्टर ने कहा कि जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला उन्होंने मैटिस, सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी की उपनिदेशक जीना हास्पेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने का फैसला लिया.

McMaster:

फाइल फोटो-सोशल मीडिया

McMaster: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच आर मैक्मास्टर (HR McMaster) ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा दावा किया है. उनका एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) आतंकवादियों के साथ मिली हुई है. इसके अलाव उन्होंने यह भी खुलासा किया कि तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस को इस्लामाबाद को सुरक्षा सहायता रोक दी गई थी लेकिन इसके लिए विदेश मंत्रालय और पेंटागन से विरोध का सामना करना पड़ा था.

बता दें कि मैक्मास्टर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के तौर पर कार्य किया था. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान हुई महत्वपूर्ण घटनाओं को लेकर अपनी किताब ‘एट वॉर विद अवरसेल्व्स’ में तमाम खुलासे किए हैं. उन्होंने अपनी किताब में पाकिस्तान को दी जा रही सहायता को लेकर ये भी लिखा है कि ‘ट्रंप के कुछ गतिविधियों को रोकने के निर्देशों का पालन करने के लिए राज्य और रक्षा को राजी करना भी मुश्किल था.

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मुझे पता चला कि दक्षिण एशिया रणनीति के विपरीत (जिसमें कुछ अपवादों के साथ पाकिस्तान को सभी सहायता को निलंबित करने की बात कही गई थी) मैटिस आने वाले हफ्तों में इस्लामाबाद का दौरा करने वाले हैं और एक सैन्य सहायता पैकेज का एलान करेंगे, जिसमें 15 करोड़ डॉलर से अधिक के बख्तरबंद वाहन शामिल थे.’ मैक्मास्टर ने कहा कि जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला उन्होंने मैटिस, सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी की उपनिदेशक जीना हास्पेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने का फैसला लिया.

ट्रंप ने सहायता रोकने की कही थी बात

उन्होंने इसमें कहा है कि ट्रंप ने निर्देश दिया था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देना बंद नहीं कर देता, तब तक उसे दी जाने वाली सहायता रोक दी जाए. इसके बावजूद, तत्कालीन रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस्लामाबाद को सैन्य सहायता देने की योजना बना रहे थे, जिसमें 15 करोड़ डॉलर से ज्यादा के बख्तरबंद वाहन शामिल थे लेकिन उनके हस्तेक्षप के बाद जो मदद पाकिस्तान को दी जा रही थी उसे रोक दिया गया था. इसी के साथ ही इस किताब में ये भी कहा गया है कि हम सभी ने ट्रंप को यह कहते सुना था कि वह नहीं चाहते कि पाकिस्तान को तब तक कोई पैसा न दिया जाए. जब तक कि वे अफगानिस्तान में अफगानों, अमेरिकियों और गठबंधन सदस्यों की हत्या करने वाले आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद नहीं कर देते.

15 सालों में दी गई 33 अरब डॉलर की सहायता

उन्होंने आगे अपनी किताब में कहा है कि ‘मैटिस ने रुखे मन से सैन्य सहायता पैकेज को रोकने का फैसला लिया लेकिन दूसरी अन्य सहायती दी जाती रही. इसको लेकर ट्रंप ने नए साल पर कहा था कि अमेरिका ने पिछले 15 वर्षों में पाकिस्तान को मूर्खतापूर्ण तरीके से 33 अरब डॉलर से अधिक की सहायता दी है. तो दूसरी ओर पाकिस्तान ने हमारे नेताओं को मूर्ख समझते हुए हमें झूठ और धोखे के अलावा कुछ भी नहीं दिया. वे उन आतंकवादियों को पनाह देते हैं, जिनकी हम अफगानिस्तान में तलाश कर रहे. अब और नहीं!’

पाकिस्तान के व्यवहार में नहीं आया कोई बदलाव

मैक्मास्टर ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान ने अपने व्यवहार में कोई बदलाव नहीं किया था. बल्कि उसकी सरकार ने अपमान करते हुए मैटिस की यात्रा की पूर्व संध्या पर साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा कर दिया था.

-भारत एक्सप्रेस

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