फ्रांस से यूएई के लिए रवाना हुए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा संपन्न करने के बाद शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हो गए. प्रधानमंत्री मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक तथा सैन्य सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सफल यात्रा के बाद फ्रांस से विदाई ली. इस यात्रा ने भारत-फ्रांस संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री अब अगली चरण की यात्रा के लिए विमान से अबू धाबी के लिए रवाना हो गए हैं.’’ संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान मोदी शीर्ष नेतृत्व के साथ खासतौर पर ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों पर बातचीत कर सकते हैं. इस दौरान दोनों रणनीतिक साझेदार देश एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे. मोदी संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से वार्ता करेंगे.
PM @narendramodi bids adieu to France following a successful visit that heralded a new chapter in 🇮🇳-🇫🇷 relationship.
PM now emplanes for Abu Dhabi for the next leg of his visit. pic.twitter.com/6PFLI9RdiL
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) July 14, 2023
मैक्रों बोले- हम 30,000 फ्रांसीसी छात्रों को भारत भेजेंगे
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, ”2030 तक हम 30,000 फ्रांसीसी छात्रों को भारत भेजेंगे और हम चाहते हैं कि जो भारतीय युवा फ्रांस में पढ़ने के लिए निर्णय लेते हैं तो उनको हम मौका देंगे, इसलिए हम वीजा नीति को उसके अनुकूल बनाएंगे.” इसके अलावा इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि बैस्टिल डे परेड में पंजाब रेजिमेंट को देखकर बहुत गर्व हुआ है. उन्होंने कहा, ”मुझे यहां आज बैस्टिल डे परेड में पंजाब रेजिमेंट को देखकर बहुत गर्व महसूस हुआ. अब हम एक ऐतिहासिक विश्वास के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं और हम मिलकर वैश्विक संकटों का समाधान ढूंढ सकते हैं.”
‘मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत में फ्रांस एक अहम साथी’
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत में फ्रांस को एक अहम साथी बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”रक्षा सहयोग हमारे संबंधों का एक मूलभूत स्तंभ रहा है. यह दोनों देशों के बीच गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है.” उन्होंने कहा- सबमरीन हो या नौसेना के जहाज, हम चाहते हैं कि मिलकर सिर्फ अपने ही नहीं, तीसरे मित्र देशों के सहयोग के लिए भी हम काम करें.
-भारत एक्सप्रेस
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