
Nuclear Weapons Ranking: वर्ष 2025 में दुनिया भर में परमाणु हथियार अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति का एक महत्वपूर्ण पहलू बना हुआ है. ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि परमाणु शक्ति अब भी वैश्विक राजनीति में प्रभावशाली भूमिका निभा रही है. हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट दुनिया के प्रमुख और उभरते परमाणु संपन्न देशों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करती है.
सबसे ताकतवर परमाणु राष्ट्र
रूस इस सूची में सबसे ऊपर है, जिसके पास अनुमानित 4,299 परमाणु बम हैं. यह आंकड़ा रूस की सैन्य क्षमता और वैश्विक रणनीतिक स्थिति को मजबूत करता है. उसके बाद अमेरिका आता है, जिसके पास लगभग 3,700 परमाणु हथियार हैं. अमेरिका का परमाणु जखीरा केवल उसकी सीमाओं में ही नहीं, बल्कि कई नाटो सहयोगी देशों में भी तैनात है.
उभरते हुए परमाणु देश
चीन ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाते हुए 600 परमाणु बमों तक का जखीरा तैयार कर लिया है. यह उसकी बढ़ती वैश्विक भूमिका और सैन्य आधुनिकीकरण की ओर संकेत करता है. इसके अलावा फ्रांस (290 बम) और ब्रिटेन (225 बम) भी यूरोप और वैश्विक सुरक्षा के लिहाज से अहम परमाणु शक्तियां बने हुए हैं. वहीं इस लिस्ट में वर्षों से एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे भारत और पाकिस्तान भी शामिल हैं. जो क्रमशः 180 और 170 परमाणु हथियारों के साथ क्षेत्रीय संतुलन बनाए हुए हैं.
इज़राइल, जिसे आधिकारिक रूप से परमाणु शक्ति के रूप में मान्यता नहीं मिली है, फिर भी उसके पास अनुमानित 90 परमाणु बम होने की संभावना जताई जाती है. यह स्थिति पश्चिम एशिया की राजनीति को और भी जटिल बना देती है.
Number of nuclear bombs by country 2025. pic.twitter.com/3I2VuWhNqK
— Moments that Matter (@_fluxfeeds) June 19, 2025
उत्तर कोरिया के पास 50 परमाणु बम होने का अनुमान है. इसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार आपत्ति जताई गई है, लेकिन उसने अपने परीक्षण और विकास को जारी रखा है. यह स्थिति एशिया और पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनी हुई है.
साझा परमाणु हथियार और मेज़बान देश
कुछ देश ऐसे भी हैं जो दूसरे देशों के परमाणु हथियारों की मेज़बानी करते हैं, खासकर अमेरिका के सहयोगी बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और तुर्की जैसे नाटो सदस्य देशों में 10 से 35 अमेरिकी परमाणु बम तैनात हैं. वहीं बेलारूस में 10 रूसी परमाणु हथियार रखे गए हैं, जो रूस के साथ उसके बढ़ते सामरिक सहयोग को दर्शाते हैं.
क्या कहते हैं भविष्य के संकेत?
2025 में परमाणु हथियारों की स्थिति यह दिखाती है कि दुनिया में न्यूक्लियर डिटरेंस यानी परमाणु हथियारों के डर के जरिए संतुलन बनाए रखने की रणनीति अब भी ज़िंदा है. जहां कुछ बड़े देशों के पास सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं, वहीं नए देशों की एंट्री और साझा हथियारों की जटिल व्यवस्था वैश्विक सुरक्षा को एक चुनौतीपूर्ण दिशा में ले जा रही है.
हाल के विश्लेषणों के मुताबिक, कुछ देश अपने संचालित हथियारों की संख्या बढ़ा रहे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत इस्तेमाल किया जा सके. ऐसे में परमाणु हथियारों के विस्तार पर लगाम लगाने और निरस्त्रीकरण के प्रयासों को और तेज़ करने की ज़रूरत है.
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– भारत एक्सप्रेस
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