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रूस ने अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत की प्रगति की सराहना की, गहरे सहयोग का संकल्प लिया

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की प्रगति की प्रशंसा की और इसे इस क्षेत्र में वैश्विक नेताओं में से एक बताया. नई दिल्ली में रूसी हाउस में कॉस्मोनॉटिक्स दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए अलीपोव ने दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग पर प्रकाश डाला. खासकर भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष यान मिशन, गगनयान पर.

अलीपोव ने कहा, “भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में अग्रणी देशों में से एक है और रूस भारत से बहुत कुछ सीख रहा है. हमें भारत के आगामी मानवयुक्त मिशन का हिस्सा होने पर गर्व है.” उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष अन्वेषण ने हमेशा देशों को एकजुट किया है.”

इस कार्यक्रम में रूसी हाउस की बाहरी दीवार पर एक स्मारक पट्टिका का अनावरण भी हुआ, जिसमें सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गगारिन – अंतरिक्ष में जाने वाले पहले मानव – के साथ-साथ सर्गेई कोरोलेव और कोंस्टेंटिन त्सियोलकोवस्की की तस्वीर थी, जिन्होंने सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

12 अप्रैल, 1961 को गागरिन पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले पहले व्यक्ति बने. इस ऐतिहासिक उड़ान को रूस में हर साल कॉस्मोनॉटिक्स दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह रूस के लिए राष्ट्रीय गौरव का क्षण है.

अपनी ऐतिहासिक उड़ान के बाद गागरिन भारत आए

अलीपोव ने कहा, “अपनी ऐतिहासिक उड़ान के बाद, गागरिन भारत आए और उनका बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया गया.” “हमारी उपलब्धियों ने रूस को अंतरिक्ष में अग्रणी बना दिया. लेकिन आज जो सबसे महत्वपूर्ण है वह यह है कि हम शांतिपूर्ण और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए इस यात्रा को एक साथ जारी रखें उन्होंने कहा कि राकेश शर्मा, अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय, इस दोस्ती के एक मजबूत प्रतीक हैं.”

अलीपोव ने विश्वास जताया कि मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, सैटेलाइट नेविगेशन और उससे आगे के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग गहरा होगा.

रूस ने शुरू से ही हमारा साथ दिया: राजीव कुमार

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विशेष कार्य अधिकारी राजीव कुमार जायसवाल ने भी भारत-रूस अंतरिक्ष साझेदारी पर विचार किया. उन्होंने कहा, “जब गगारिन अंतरिक्ष में गए थे, तब भारत के पास कोई अंतरिक्ष कार्यक्रम नहीं था. लेकिन रूस ने शुरू से ही हमारा साथ दिया – 1975 में आर्यभट्ट, हमारा पहला उपग्रह, उसके बाद भास्कर-I और II लॉन्च किया. आज, हमारे गगनयान अंतरिक्ष यात्री रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण ले चुके हैं.”

-भारत एक्सप्रेस

Md Shadan Ayaz

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