Bharat Express

Earthquake: जापान के बाद अब इंडोनेशिया में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर मापी गई 6.7 की तीव्रता

इंडोनेशिया में सोमवार (8 जनवरी) को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.7 मापी गई. भूकंप का केंद्र तलौद द्वीप बताया जा रहा है.

Earthquake

सोनभद्र में भूकंप के झटके

इंडोनेशिया में सोमवार (8 जनवरी) को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.7 मापी गई. भूकंप का केंद्र तलौद द्वीप बताया जा रहा है. इससे पहले नए साल की शुरुआत में जापान, उसके बाद म्यामांर, अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. जापान में भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी. वहीं अब इंडोनेशिया में आए भूकंप से लोगों में दहशत फैल गई है.

इंडोनेशिया के तलौद द्वीप में 6.7 तीव्रता के तेज झटके

नेशनल सीस्मोलॉजी सेंटर के अनुसार, इंडोनेशिया के तलौद द्वीप में 6.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह भूकंप मंगलवार की रात 2 बजकर 18 मिनट पर आए. हालांकि अभी तक किसी भी तरह के नुकसान होने की कोई खबर नहीं है. भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 80 किलोमीटर बताया गया.

जापान में भूकंप ने मचाई थी भीषण तबाही

बता दें कि इससे पहले नए साल की शुरुआत में जापान में काफी तेज तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे. जिसमें 90 मिनट के अंदर 4.0 या फिर उससे ज्यादा के करीब 21 झटके महसूस किए गए थे. इनमें से एक भूकंप की तीव्रता 7.6 मापी गई थी. इन भूकंप के बाद जापान में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया था. जापान में भूकंप के बाद अगले दिन म्यामांर और भारत के लद्दाख में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. म्यामांर में 2 जनवरी को 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसका केंद्र म्यामांर में जमीन के अंदर 85 किलोमीटर की गहराई में था.

यह भी पढ़ें- Jammu Kashmir: “हमें पाकिस्तान जाने से कोई नहीं…”, धारा 370 पर बोले फारूक अब्दुल्ला- हम नहीं लेकर आए

इसलिए आता है भूकंप

आखिर भूकंप क्यों आते हैं? इसको समझने के लिए सबसे पहले पृथ्वी की संरचना को जानना जरूरी है. हमारी पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है. इन प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ लावा है. जिसपर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ऐसा होता है कि ये प्लेटें आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से इन प्लेट्स के कोने सिकुड़ जाते हैं या फिर टूटने लगते हैं. जिससे नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने के लिए रास्ते खोजती है. जिसमें डिस्टर्बेंस होता है और इसी के बाद भूकंप की स्थिति पैदा होती है.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read