तुलसी गबार्ड.
Tulsi Gabbard US National Intelligence Director: अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार (13 नवंबर) को घोषणा की कि पूर्व डेमोक्रेट प्रतिनिधि और रिपब्लिकन समर्थक तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है.
ट्रंप ने कहा है कि वह देश की खुफिया सेवाओं में आमूलचूल परिवर्तन करना चाहते हैं, जिसे वे संदेह और अविश्वास की दृष्टि से देखते रहे हैं और गबार्ड की नियुक्ति, जिन्हें विदेश नीति पर संदेह करने वाला माना जाता है, इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है. उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) के साथ बहस की तैयारी में गबार्ड ने ट्रंप की मदद की थी.
ट्रंप ने गबार्ड का चयन करते हुए कहा, ‘दो दशकों से अधिक समय से तुलसी ने हमारे देश और सभी अमेरिकियों की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी है. डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के लिए एक पूर्व उम्मीदवार के रूप में उन्हें दोनों दलों में व्यापक समर्थन प्राप्त है, वह अब एक गौरवशाली रिपब्लिकन हैं!’
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 13, 2024
कौन हैं तुलसी गबार्ड
अमेरिकी समोआ (American Samoa) में जन्मी 43 वर्षीय तुलसी हवाई से चार बार कांग्रेस की सदस्य रह चुकी हैं. वह डेमोक्रेट्स (Democrats) की ओर से 2020 की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार भी थीं. सेना रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, जिन्होंने इराक में सेवा की है. गबार्ड को खुफिया एजेंसियों में काम करने का पिछला कोई अनुभव नहीं है, लेकिन वह 21 साल की उम्र से ही राजनीति में सक्रिय हैं, जब वह 42वें जिले से हवाई प्रतिनिधि सभा की सदस्य बनीं.
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उनकी शादी अब्राहम विलियम्स (Abraham Williams) से हुई है, जो एक सिनेमैटोग्राफर हैं. उनके पिता माइक गबार्ड (Mike Gabbard) हवाई राज्य के सीनेटर हैं, जो रिपब्लिकन से डेमोक्रेट में चले गए थे.
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अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहली हिंदू
113वीं कांग्रेस में तुलसी गबार्ड 2012 में रिपब्लिकन काविका क्राउली (Kawika Crowley) को 1,68,503 से 40,707 वोटों (80.6% -19.4%) से हराकर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में सीट जीतने वाली पहली हिंदू (Hindu) बनी थीं. वह कांग्रेस की सीट जीतने वाली पहली अमेरिकी समोआ भी बनीं. अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान गबार्ड ने भगवद गीता लेकर पद की शपथ ली थी. उस समय उन्होंने कहा था, ‘मैं विविधता को अपनाने में दृढ़ता से विश्वास करती हूं.’
जो बाइडेन का किया था समर्थन
तुलसी गबार्ड 2020 में 117वीं कांग्रेस के लिए फिर से चुनाव लड़ने की उम्मीदवार नहीं थीं और इसके बजाय उन्होंने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने का प्रयास किया. उनका अभियान अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप और प्रगतिशील एजेंडे पर केंद्रित था. हालांकि बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया और राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) का समर्थन किया.
हालांकि 2022 में वह अंतत: डेमोक्रेटिक पार्टी से बाहर हो गईं और आरोप लगाया कि पार्टी को ‘युद्ध-प्रेमियों के एक अभिजात्य समूह’ और ‘जागृत’ विचारकों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है.
2022 में रिपब्लिकन में शामिल
तुलसी गबार्ड 2022 में रिपब्लिकन में शामिल हो गईं और डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े लोगों में प्रमुखता हासिल की. उन्होंने 2024 के राष्ट्रपति अभियान के लिए ट्रंप का समर्थन किया और ट्रंप के लिए प्रचार करने के लिए रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ दिखाई देने लगीं. और अब जब ट्रंप ने सीनेट और प्रतिनिधि सभा में भारी बहुमत के साथ राष्ट्रपति पद की बोली जीत ली है, तो उन्होंने अपनी ट्रांजिशन टीम में गबार्ड और कैनेडी दोनों को शामिल किया है.
-भारत एक्सप्रेस