यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
Chinese Spy Balloon: अमेरिका ने दक्षिण कैरोलाइना तट पर अटलांटिक महासागर में चीन के एक निगरानी गुब्बारे (Spy Balloon) को मार गिराया. इसके बाद, पेंटागन ने कहा कि उसने गुब्बारे के मलबे से सभी उपकरण बरामद करने का काम शुरू कर दिया है. इसके पहले अमेरिकी हवाई क्षेत्र में देखे गए गुब्बारे को न मार गिराने के कारण बाइडेन प्रशासन को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था. वहीं, चीन ने उसके असैन्य मानवरहित यान के खिलाफ ‘‘बल प्रयोग’’ पर कड़ी आपत्ति जताई और अमेरिका को इसके अंजाम भुगतने की धमकी भी दी. दोनों देशों के बीच इस घटना के बाद तनाव बढ़ा हुआ है. इस तनाव के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपनी चीन की यात्रा रद्द कर दी है.
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 39 मिनट पर अटलांटिक महासागर में चीन के निगरानी गुब्बारे को मार गिराया. उन्होंने कहा, ‘‘जिस स्थान पर गुब्बारे को गिराया गया, वह दक्षिण कैरोलाइना में अमेरिकी तट से छह मील दूर है. गुब्बारे को मार गिराने के दौरान अमेरिकी नागरिकों को जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. रक्षा अधिकारी के मुताबिक, वर्जीनिया में लांगले वायुसेना अड्डे से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान ने एक मिसाइल छोड़ी, जिससे गुब्बारा अमेरिका के वायु क्षेत्र के भीतर महासागर में जा गिरा.
राष्ट्रपति बाइडेन ने दिया था आदेश
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि बुधवार को जब उन्हें गुब्बारे की जानकारी दी गई थी, तो उन्होंने पेंटागन को इसे जल्द से जल्द मार गिराने का आदेश दिया था. उन्होंने (पेंटागन) जमीन पर किसी को नुकसान पहुंचाए बिना ऐसा करने का निर्णय लिया और इसके लिए सबसे उपयुक्त समय तब मिला, जब गुब्बारा समुद्र के ऊपर था.
इस बीच, चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने रविवार को चीन के विदेश मंत्रालय के एक बयान का हवाला देत हुए कहा कि बीजिंग ने चीन के असैन्य मानवरहित यान पर हमला करने के लिए अमेरिका द्वारा बल प्रयोग करने को लेकर कड़ा विरोध जताया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बयान में कहा गया कि अमेरिका द्वारा बल प्रयोग पर जोर देना वास्तव में एक अनावश्यक प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया का गंभीर उल्लंघन है. चीन इसकी प्रतिक्रिया में आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखते हुए प्रासंगिक कंपनी के वैध अधिकारों और हितों को दृढ़तापूर्वक बनाए रखेगा. चीन ने दावा किया कि यह गुब्बारा महज मौसम अनुसंधान ‘‘एयरशिप’’ था.
-भारत एक्सप्रेस
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