डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस
United States Presidential Election 2024: दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र वाले देश अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. चुनावी मुकाबला वहां की दो प्रमुख पार्टियों डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों के बीच होगा. 10 सितंबर, मंगलवार यानी कि कल रात डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट ABC न्यूज चैनल पर होगी.
पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में दोनों उम्मीदवारों के प्रदर्शन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तस्वीर साफ हो जाएगी. कुछ ही दिनों पहले कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी हैं, और उनका मुकाबला अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से है. दोनों के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट अमेरिकन पेंसिल्वेनिया के फिलाडेल्फिया में स्थित नेशनल कॉन्स्टिट्यूशन सेंटर में होने वाली है, जो डेमोक्रेटिक गढ़ माना जाता है.
फिलाडेल्फिया में प्रेसिडेंशियल डिबेट को फिर तैयार डोनाल्ड ट्रंप
फिलाडेल्फिया में प्रेसिडेंशियल डिबेट से पहले ट्रंप ने एक बयान में कहा, “यदि आप पेंसिल्वेनिया को जीत लेते हैं तो सबकुछ जीत लेंगे.” उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि ट्रंप राज्य में अपनी 2016 की सफलता को दोहराना चाह रहे हैं, जहां उन्होंने 2020 में तत्कालीन डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन से हारने से पहले हिलेरी क्लिंटन को मामूली अंतर से हराया था.
राष्ट्रपति चुनाव परिणाम को तय करेगी पेंसिल्वेनिया की डिबेट
अमेरिकी राजनीति के विशेषज्ञ कहते हैं कि मंगलवार की रात राजनीतिक सुर्खियाँ पेंसिल्वेनिया पर चमकेंगी, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस फिलाडेल्फिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले स्विंग स्टेट में एक उच्च-दांव वाली बहस के लिए मंच पर आएंगे. कई सर्वेक्षणों में इन दोनों के बीच कड़ी टक्कर दिखाई जा रही है, दोनों उम्मीदवारों को पता है कि पेंसिल्वेनिया 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को निर्धारित कर सकता है.
बिना पेंसिल्वेनिया को जीते राष्ट्रपति नहीं बना कोई डेमोक्रेट
वर्ष 1948 के बाद से कोई भी डेमोक्रेट पेंसिल्वेनिया के बिना व्हाइट हाउस नहीं जीत पाया है, जिससे कमला हैरिस के लिए पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट को जीतना बहुत जरूरी है. क्योंकि, यह कहा भी जा रहा है कि इसके बाद ट्रंप और कमला हैरिस इन दोनों के बीच कोई डिबेट नहीं होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव परिणाम पर टिकीं दुनियाभर की नजरें
अमेरिकन राष्ट्रपति के चुनाव नवंबर 2024 में संपन्न होंगे. तब तक जो बाइडेन ही राष्ट्रपति बने रहेंगे. उन्हें 2021 में राष्ट्रपति चुना गया था. बहरहाल, अमेरिकी चुनाव पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं, क्योंकि अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है. संयुक्त राष्ट्र जैसी विश्वव्यापी संस्थाओं के मुख्यालय भी यहीं स्थित हैं. अमेरिकी मुद्रा डॉलर एक इंटरनेशनल करेंसी है, जो वैश्विक व्यापार का बड़ा जरिया है.
दुनिया के सबसे महंगे चुनावों में से एक है ये राष्ट्रपति चुनाव
अमेरिका के चुनाव अपनी खर्च और प्रक्रिया के लिए भी दुनिया का ध्यान खींचते हैं. यहां के राष्ट्रपति चुनाव बेहद महंगे साबित होते हैं, क्योंकि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार अपनी संपत्ति से जितना चाहें उनकी रकम चुनाव प्रचार में खर्च कर सकते हैं. यहां पर पॉलिटिकल एक्शन कमेटियों को चुनाव प्रचार के लिए खर्च की कोई सीमा तय नहीं है.
— भारत एक्सप्रेस
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