(प्रतीकात्मक तस्वीर)
राजनीतिक अस्थिरता झेल रहे श्रीलंका (Sri Lanka) में शनिवार (21 सितंबर) को शाम चार बजे महत्वपूर्ण राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के लिए मतदान संपन्न हो गया. देश में 2022 में आर्थिक पतन (Economic Meltdown) के बाद इस द्वीपीय राष्ट्र में यह पहला चुनाव है. देश में राष्ट्रपति पद के लिए कुल 38 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. अधिकारियों ने अब तक अंतिम मतदान प्रतिशत जारी नहीं किया है.
हालांकि दोपहर 2 बजे तक 60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने मतदान किया था. कोलंबो शहर के उप-चुनाव आयुक्त एमकेएसकेके बंडारामपा ने दिन में कहा, ‘शाम 4 बजे हम डाक मतों की गिनती शुरू करने की कोशिश करेंगे और शाम 6 बजे हम सामान्य गिनती शुरू करना चाहेंगे. मतगणना शुरू होने के दो या तीन घंटे के भीतर हम नतीजे दिखा सकते हैं.’
2022 का आर्थिक पतन
चुनाव आयुक्त जनरल समन श्री रत्नायके ने बताया कि पहला परिणाम आधी रात तक जारी किया जा सकता है. यह चुनाव मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के लिए एक परीक्षा होगी, जिन्होंने देश को आर्थिक सुधार की राह पर लाने का श्रेय लिया है. 75 वर्षीय विक्रमसिंघे एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पांच साल के कार्यकाल के लिए फिर से चुनाव लड़ रहे हैं.
2022 में जब श्रीलंका आर्थिक पतन की ओर बढ़ रहा था, तब विद्रोह के कारण उसके तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा. एक सप्ताह बाद संसद द्वारा विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था.
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चुनाव पर भारत-चीन की नजर
इस चुनाव पर भारत (India) और चीन (China) की गहरी नजर रहेगी, क्योंकि श्रीलंका दोनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व रखता है. भारत और श्रीलंका के बीच काफी पुराने पारंपरिक संबंध रहे हैं. इस समय भारत की मुख्य चिंता का कारण श्रीलंका में राजनीतिक अस्थिरता के बीच चीन का बढ़ता प्रभाव है.
13,400 से ज़्यादा मतदान केंद्रों पर करीब 17 करोड़ लोग वोट देने के पात्र हैं. चुनाव कराने के लिए 2,00,000 से ज्यादा अधिकारियों को तैनात किया गया था, जबकि 63,000 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात थे.
श्रीलंका में मतदान सुबह 7 बजे (स्थानीय समयानुसार) शुरू होकर शाम 4 बजे समाप्त हुए. वोटिंग के तुरंत बाद मतों की गिनती शुरू की जाएगी और परिणाम रविवार को घोषित होने की उम्मीद है.
अर्थव्यवस्था प्रमुख मुद्दा
इस चुनाव में राष्ट्रपति उम्मीदवारों ने अपने एजेंडे में अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता दी है, क्योंकि देश के लोग मुद्रास्फीति, खाद्य और ईंधन की कमी से जूझ रहे हैं. देश में पुन: चुनाव की मांग करने वाले रानिल विक्रमसिंघे इस चुनाव में सबसे आगे बताए जा रहे हैं. त्रिकोणीय चुनावी लड़ाई में विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के 56 वर्षीय अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) और मुख्य विपक्षी नेता समागी जन बालवेगया (SJB) के 57 वर्षीय सजिथ प्रेमदासा (Sajith Premadasa) से कड़ी टक्कर मिलेगी. सजिथ तीसरे पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं.
भारत के लिए महत्वपूर्ण चुनाव
श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा. भारत, श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंतित है. श्रीलंका भारत का परंपरागत रूप से एक मजबूत सहयोगी रहा है. यह देश इस समय चीन के कर्ज के जाल में फंसा है. कथित तौर पर इस कर्ज के चलते श्रीलंका को अपना हंबनटोटा बंदरगाह चीन को 99 साल के लिए लीज पर देना पड़ा था. साजित प्रेमदासा श्रीलंका में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव और भागीदारी के सबसे अधिक आलोचक हैं.
-भारत एक्सप्रेस