ईरान में कट्टरपंथियों के खिलाफ महिलाओं के गुस्से का लावा फूटा
तेहरान-ईरान में एक महिला की सार्वजनिक जगह पर हिजाब ना पहनने के मामले में हुई मौत का मामला अब बेहद गर्मा गया है. ईरान में कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ महिलाओं के गुस्से का लावा फूट गया है. ईरान में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के ऊपर लगी कट्टरपंथी बेड़ियों को अब तोड़े जाने की हिम्मत एक बार फिर देखी जा रही है. मृतक महिला महसा अमीनी के समर्थन में ईरानी महिलाएं अपने बालों को काटकर औऱ बुर्के को जलाकर इस्लामिक कट्टरपंथी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है. सोशल मीडिया पर उनका यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
Iran: Here is a another girl cutting her hairs to protest Masha Amini’s death by Iranian police.#MashaAmini pic.twitter.com/8z8aHHZaDK
— Fazila Baloch🌺☀️ (@IFazilaBaloch) September 18, 2022
क्या है पूरा मामला ?
कुछ दिन पहले 22 साल की ईरानी महिला महसा अमीनी अपने पूरे परिवार के साथ ईरान की राजधानी तेहरान के टूअ पर गई हुई थी. ईरान की पुलिस ने उस पर आरोप लगाया था कि उन्होंने देश के ‘ड्रेस कोड’ कानून का उल्लंघन किया है, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है. पुलिस कस्टडी में जाने के 3-4 दिन के बाद उसकी मौत हो गई थी.ईरान में सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए सिर पर हिजाब रखना बेहद जरूरी है.महसा अमीनी अपने भाई के साथ थी और उसके सिर पह हिजाब नहीं था.उसे ईरान की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.बाद में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हो गयी पुलिस ने बताया दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत परिवार ने कहा हार्ट से सबंधित कोई बीमारी नहीं थी ईरान पुलिस ने अमीनी की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया था. पुलिस विभाग ने थाने से एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया था जिसमे अमीनी जमीन पर अचानक गिरते गिरते हुए नजर आ रही है. जबकि अमिनी के परिवार के लोगों का कहना है कि उसे कभी भी दिल से सबंधित बीमारी की कोई शिकायत नहीं रही है और ना इसका कोई मेडिकल रिकार्ड है.
अंतिम संस्कार में जुटी भारी भीड़
ईरानी सरकार का जमकर विरोध
Women of Iran-Saghez removed their headscarves in protest against the murder of Mahsa Amini 22 Yr old woman by hijab police and chanting:
death to dictator!
Removing hijab is a punishable crime in Iran. We call on women and men around the world to show solidarity. #مهسا_امینی pic.twitter.com/ActEYqOr1Q
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) September 17, 2022
महसा अमीनी का शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजधानी तेहरान में अमीनी के समर्थन में 460 किलोमीटर तक लंबी भारी भीड़ जुटी. लोगों ने ईरानी सरकार और पुलिस के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कुछ प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए राज्यपाल की इमारत के सामने इक्ठ्ठा हो गए. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान 30 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए.
सोशल मीडिया पर चलाया विरोध का ट्रेंड
ईरान के लोगों ने अमिनी के सर्मथन में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ जमकर नारी बाजी की उन्होने “तानाशाह की मौत” ट्रेंड सोशल मीडिया पर चला दिया है जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.हालांकि इस घटना के बाद ईरान की सरकार भारी दबाव में है .उसने मामले की जांच कराने की बात कही है.
University students in Tehran held a rally to protest against the death of #Mahsa_Amini as the misogynist regime continues to spill the blood of our youth in #Iran #IranProtests #مهسا_امینی pic.twitter.com/ykRlXnyJvp
— Sarah Tolu (@Sara_Sunrise_82) September 18, 2022
अलीनेजाद ने शेयर किए महिलाओं के बिना हिजाब वाली तस्वीरें
महिला अधिकारों के मुद्दे को जमकर उठाने वाली सोशल एक्टिविस्ट अलीनेजाद ने विरोध स्थल से कई वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए.
As we promised!
We remove our hijabs and I hope everyone joins us.
Forcing women to wear hijab is not part of Iranian’s culture. It is the culture of Taliban, ISIS and Islamic Republic. Enough is enough.
#No2Hijab
pic.twitter.com/nXwiW3LqI5— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) July 12, 2022
वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा कि, ‘देखिए किस तरह से यह लड़कियां बिना हिजाब के सड़को पर आजादी से घूम रही हैं. इस तस्वीरों में खास बात यह है कि, पुरुष भी इनका समर्थन कर रहे है. और इनका मनोबल बढ़ा रहे है. उन्होंने आगे लिखा कि.. ईरान की नई पीढ़ी जल्द ही लिंग भेद से आजाद हो जाएगी.
See how these teenagers are mocking the morality police and clerical regime by #WalkingUnveiled
It is beautiful that men are cheering for Hijab-less women in the streets. This is Shiraz, Iran. New generation will get rid of gender apartheid very soon.#No2Hijab #حجاب_بی_حجاب pic.twitter.com/7flOzi1yyt— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) July 12, 2022
ईरान में हिजाब अनिवार्य
1979 की इस्लामी क्रांति के बाद शाह रज़ा पहलवी ने देश छोड़ दिया था. लेकिन उसके बाद ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य कर दिया गया था. वहां इसे लेकर बहुत सख्ती है. पुलिस की टीम महिलाओं से ड्रेस कोड को सख्ती से लागू करवाती हैं.लेकिन बदलते परिवेश और सोशल मीडिया के दौर में ईरान की महिलाओं ने भी तय कर लिया है कि वह हिजाब नहीं पहनेंगी.ये ईरान की कट्टरपंथी सरकार को बहुत बड़ी चुनौती हैं.महिलाएं सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही हैं और विरोध में अपने बाल तक कटवा रही हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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