Will the Uttarakhand Subordinate Commission be dissolved, demand raised from within the government
देहरादून– उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं.राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसे लेकर बहुत नाराज हैं.आरोप है कि आयोग भर्ती प्रक्रिया में तमाम योग्य परीक्षार्थियों के करियर के साथ बेहूदा खिलवाड़ किया गया. इस मामले में खुद राज्य सरकार के मंत्री और सचिवालय के कर्मचारी शक के दायरे में हैं.
इन हालात में इस आयोग को भंग करने की मांग भी लगातार उठने लगी है। इससे पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत आयोग को भंग करने की मांग कर चुके हैं तो अब इस मामले में एक नाम और जुड़ गया है, और वो नाम है कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का.मतलब साफ है कि सरकार के भीतर से ही राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भंग करने की मांग उठने लगी है.इसका एक अर्थ ये है कि पूरे सिस्टम में भांग घुल चुकी है.दाल में काला नहीं,बल्कि पूरी दाल ही काली है.राज्य सरकार की इस मामले में बदनामी हो रही है.राज्य एसटीएफ इस घोटाले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर चुकी है जिसका नाम हुकुम सिंह रावत है जिसके तार कानपुर से जुड़े पाए जाते हैं.जांच भी तेज गति से जारी है.
अब मंत्री गणेश जोशी ने कहा है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को सरकार को भंग कर देना चाहिए। उनके अनुसार जिस तरह का ट्रैक रिकॉर्ड इस आयोग का रहा है। लगातार गिऱफ्तारी हो रही हैं ऐसे में बहुत जरुरी हैं इसका भंग होना। और सरकार लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्तियां कराने जा रही हैं जिससे युवाओं को न्याय मिलेगा।असल में इस पूरे मामले में आंच राज्य सरकार पर आ रही है.राज्य के एक मंत्री अरविंद पांडे पर आरोप है कि खुद उन्होंने अपने कुछ रिश्तेदारों की भर्तियां करवाई हैं.इसे लेकर राज्य सरकार भारी दबाव झेल रही है.जैसे-जैसे पर्तें खुलेंगी,कुछ और सफेदपोश इस फर्जीवाड़े में बेनकाब हो जाएंगे.
–आईएएनएस
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