बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर में अभी तक 288 लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही 1175 लोग घायल हुए थे. घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. हादसे में मरने वालों की शिनाख्त करने में जुटे रेलवे को अबतक 100 से ज्यादा शवों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. ऐसे में अब शवों को भुनेश्वर एम्स में शवों को रखवाए जाने के लिए भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि जहां ये शव रखे हैं वहां इनमें बदबू आने लगी है. जिसके बाद प्रशासन ने शवों को एम्स भेजने का फैसला लिया है.
जानकारी के मुताबिक, हादसे के बाद शवों को नूशी नाम की जगह पर रखा गया था. लेकिन शवों में सड़न पैदा होने से फैल रही बदबू को देखते हुए प्रशासन ने फैसला किया है कि, शवों को एम्स भूवनेश्वर भेजा जाएगा. जहां राज्य सरकार ने स्टेट फोरेंसिक लैब में अज्ञात शवों का परीक्षण कराने का निर्णय लिया है. वहीं ट्रेन हादसे के बाद चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में निकाले गए शवों को घटनास्थल से कुछ दूरी पर बने बहनागा हाईस्कूल में 163 शवों को रखा गया था. जिसमें से 30 शवों को उनके परिजनों ने पहचान की है. अभी भी 100 से ज्यादा शव लावारिस हैं.
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ट्रेन हादसे के बाद अब पटरियों से मलबे को हटाने का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है. करीब एक हजार मजदूरों को लगाया गया है. साथ ही पटरियों को तेजी के साथ बिछाया जा रहा है. इसके अलावा 90 ट्रेनों को रद्द कर दिया है और 46 ट्रेनों का रूट बदला गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद शनिवार की रात मौके पर मौजूद रहकर मरम्मत कार्य का जायजा लिया. रेल मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि काम को तेजी के साथ पूरा कराया जाए. मलबा हटाने के लिए 5 जेसीबी, 7 पोलकेन मशीन और दो बड़ी क्रेनों को लगाया गया है.
-भारत एक्सप्रेस