सीमा सड़क संगठन के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने रविवार (31 मई) को जानकारी देते हुए कहा कि भारत एलएसी पर चीन की परियोजनाओं के अनुरूप अपने इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमताओं को मजबूत कर रहा है. चौधरी यहां अमरनाथ यात्रा के मार्गों से संबंधित कार्यों की समीक्षा करने के लिए पहुंचे थे. अमरनाथ की पवित्र यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त को समाप्त होगी. जिसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा, चीन जो बना रहा है, हम उससे कहीं बेहतर बना रहे हैं. इसलिए इस बात की चिंता करने की कोई भी जरूरत नहीं है कि हम चीन से किसी भी मामले में पीछे हैं. हम सीमाओं पर अपनी क्षमताओं को और तेजी के साथ मजबूत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही सीमा के आसपास के क्षेत्रों के लिए 662 वाइब्रेंट विलेज परियोजना की घोषणा कर चुकी है. बीआरओ के महानिदेशक ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद अरुणाचल प्रदेश के किबिथू गांव का दौरा किया था जो पूरब में भारत का पहला गांव है. कुल मिलाकर 441 गांव अरुणाचल प्रदेश में ही हैं. सरकार उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तेजी से विकास करा रही है. साथ ही इन सीमाओं को लेकर सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट है.
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लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में एलएसी पर 205 परियोजनाएं पूरी की गई हैं. उन्होंने कहा कि ये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा राष्ट्र को समर्पित किए गए थे और इस वर्ष, “हम 6,200 करोड़ रुपये की 176 परियोजनाओं को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं”. केंद्र ने इस साल हमारे बजट में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि की है. सरकार को हम पर बहुत विश्वास है, और हम पांच मंत्रालयों के लिए सड़कें बनाते हैं. हमारा बजट हर साल बढ़ता है. इस साल, हमारा लक्ष्य परियोजनाओं पर काम करना है. 16,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं हैं, जिसमें सड़कें, पुल और सुरंगें और हवाई क्षेत्र शामिल हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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