बालासोर ट्रेन हादसे की तस्वीर
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. हादसे के बाद रेलवे ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया था, लेकिन अब इस मामले को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. मुआवजा पाने की लालच में अब लोग फर्जी परिजन बनकर शवों को लेकर जा रहे हैं. जिसको लेकर बीएमसी कमिश्नर विजय अमृता कुलंगे ने कहा है कि असली परिवारों की पहचान के लिए अब डीनए परीक्षण कराया जाएगा. डीएनए परीक्षण के लिए 33 सैंपल लैब भेजे गए हैं. ओडिशा में डीएनए परीक्षण की सुविधा ना होने से सैंपल को दिल्ली एम्स भेजा गया है. रिपोर्ट के आधार पर परिजनों को शवों को सौंपा जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के जयनगर निवासी परवेज सहरद लास्का ने खुद को अबूबाका लास्का का बेटा होने का दावा किया है. उनके अनुसार ट्रेन हादसे में पिता की मौत होने की सूचना मिलने पर बाहानगा शव लेने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उससे पहले ही शव को और कोई लेकर चला गया. जिसके बाद डीएनए जांच के लिए परवेज का ब्लड लेकर एम्स भेजा गया है. डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद उनके पिता के शव की पहचान की जाएगी.
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इसके अलावा दूसरा मामला मालदा के रहने वाले नितम राय और चंदन राय की ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी. जब उनके परिजन फोनी मडंल शव लेने के लिए पहुंचे तो उन्हें पहचान के लिए शव की फोटो दी गई, लेकिन शव किसी दूसरे का था. अब वो अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन न तो ओडिशा सरकार और ना ही पश्चिम बंगाल सरकार मदद कर रही है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के परगना निवासी अब्दुल वहाब शेख पांच दिनों से अपने भाई गियाउद्दीन शेख की तलाश कर रहे हैं, लेकिन भाई का शव अभी तक नहीं मिला है, अब उन्होंने पहचान के लिए ब्लड सैंपल दिया है. इसके अलावा तमाम ऐसे परिजन हैं जो शवों की तलाश में भटक रहे हैं, लेकिन कोई पता नहीं चल रहा है. ऐसे में परिजन आरोप लगा रहे हैं कि, मुआवजे की लालच में शवों को और कोई लेकर चला गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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