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काशी में बोले विदेश मंत्री एस. जयशंकर- तथाकथित वैश्विक महाशक्तियों की आंखों में आंख मिलाकर बात करता है भारत

विदेश मंत्री एस. जयशंकर वाराणसी में आयोजित हो रही जी-20 की बैठक में शामिल होने के लिए काशी पहुंचे हैं. यहां पर विदेश मंत्री चार दिनों तक रहेंगे.

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एस. जयशंकर, विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस. जयशंकर वाराणसी में आयोजित हो रही जी-20 की बैठक में शामिल होने के लिए काशी पहुंचे हैं. यहां पर विदेश मंत्री चार दिनों तक रहेंगे. बनारस में जी-20 मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संकट के समय भारत पर भरोसा किया जा सकता है. भारत विषम परिस्थितियों और आपदाओं के समय मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है. विदेश मंत्री ने कहा, आपको याद होगा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाया गया था. ऑपरेशन कावेरी के जरिए सूडान में रहने वाले प्रवासियों को भी वापस लाया गया. देशवासियों को 90 उड़ानों के जरिए यूक्रेन से लाया गया था.

जी-20 मंत्रियों की बैठक 11 से 13 जून के बीच हो रही आयोजित

भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत जी-20 मंत्रियों की बैठक 11 से 13 जून के बीच वाराणसी में हो रही है, जिसकी अध्यक्षता जयशंकर कर रहे हैं. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विकासात्मक चुनौतियां बढ़ रही हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक मंदी आ रही है. चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर में आपूर्ति श्रृंखलाएं भी प्रभावित हुई हैं और यहां तक कि पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.

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“वैश्विक महाशक्तियों के सामने हम आंखों में आंख मिलाकर बात करते हैं”

अपने संबोधन में उन्होंने भारत की शाश्वत विदेश नीति के ऊपर जोर देते हुए कहा कि “यह काफ़ी गौरव का विषय है कि तथाकथित वैश्विक महाशक्तियों के सामने हम आंखों में आंख मिलाकर बात करते हैं.” उन्होंने आगे कहा “यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष का ही कारण है कि भारत सहित तमाम देशों में खाद, पेट्रोल-डीज़ल एवं जैविक पदार्थ की भारी किल्लत हो रही है और इनके दामों में भी वृद्धि देखने को मिल रही है,” लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने बिना किसी दबाव के रूस से तेल लिया जिसकी वजह से आज भारत में तेल के दाम स्थिर हैं.

“छात्रों और नागरिकों को सकुशल वापस निकाल कर दिखाया”

विदेश मंत्री ने आगे बताया कि “हमारी सरकार देश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा और उनकी सहूलियत के लिए प्रतिबद्ध है. यही वजह है कि फिर चाहें वह यूक्रेन हो या फिर अफगानिस्तान, भारत सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व का फल है कि विकट परिस्थितियों में वहां फंसे हुए हमारे तमाम छात्रों और नागरिकों को सकुशल वापस निकाल कर दिखाया.

-भारत एक्सप्रेस



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