साइक्लोन बिपरजोय
Cyclone Biparjoy: गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के निकट शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपरजोय’ के संभावित आगमन से पहले तटीय इलाकों से 21,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. साइक्लोन के खतरे को देखते हुए सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के अनुसार चक्रवात से व्यापक क्षति होने की आशंका है और कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीम तैयार हैं. लोगों को निकालने का काम जारी है और सभी को मंगलवार शाम तक सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि अब तक चक्रवात से संबंधित एक मौत दर्ज की गई है.
राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, ‘‘हमने उन तटवर्ती इलाकों के निकट रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहले ही शुरू कर दिया है, जिनके चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है.” पांडे ने कहा कि 21,000 लोगों में से कच्छ जिले से करीब 6,500, देवभूमि द्वारका से 5,000, राजकोट से 4,000, मोरबी से 2,000, जामनगर से 1,500 से अधिक, पोरबंदर से 550 और जूनागढ़ जिले से 500 लोगों को निकाला गया है.
चलेंगी तेज हवाएं
वहीं अहमदाबाद आईएमडी की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच पार करने की संभावना है.
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#WATCH | Tidal waves lash Gomti Ghat of Dwarka while the sea remains turbulent under the influence of cyclonic storm ‘Biparjoy’.#Gujarat pic.twitter.com/FNpVq5imQI
— ANI (@ANI) June 13, 2023
15-17 जून तक उत्तर गुजरात में होगी भारी बारिश
उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है. इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी.
उन्होंने कहा कि समुद्र के अशांत होने और आने वाले चक्रवात के कारण क्षेत्र में भारी बारिश के मद्देनजर मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक निलंबित कर दिया गया है और सारे बंदरगाह भी बंद कर दिए गए हैं. मोहंती ने कहा कि समुद्र 14 जून तक बहुत अशांत रहेगा, 15 जून को इसका स्तर और बढ़ जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस