Rajasthan Election
Rajasthan Election: कांग्रेस ने गुरुवार को राजस्थान चुनाव के लिए 29 सदस्यीय प्रदेश चुनाव समिति का गठन किया है. समिति का अध्यक्ष राज्य इकाई के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा को बनाया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इसके सदस्यों में शामिल हैं. हैरानी की बात ये है कि राज्य की कमान संभाल रहे अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे दिग्गज नेता को कांग्रेस ने अध्यक्ष नहीं बनाया है. इस लिस्ट में अशोक गहलोत दूसरे नंबर पर तो सचिन चौथे नंबर पर हैं.
Ahead of the crucial #Assembly elections, the Congress today announced the Election Committee for Rajasthan with state unit chief @GovindDotasra as its Chairman and Chief Minister @ashokgehlot51 and his former deputy @SachinPilot among the members.@INCIndia @INCRajasthan… pic.twitter.com/ltiBapG8Bw
— Upendrra Rai (@UpendrraRai) July 20, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दी समिति गठन की मंजूरी
पार्टी के एक बयान में कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. पार्टी नेता रघुवीर मीणा, रघु शर्मा, हरीश चौधरी, प्रताप सिंह कचरियावास, रामेश्वर डूडी, मोहन प्रकाश और लालचंद कटारिया को भी पैनल के सदस्यों के रूप में नामित किया गया है. समिति का गठन खड़गे, पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डोटासरा, पायलट और राज्य के कई विधायकों और मंत्रियों द्वारा 6 जुलाई को यहां एआईसीसी मुख्यालय में एक चुनावी रणनीति बैठक में भाग लेने के कुछ दिनों बाद हुआ है.
यह भी पढ़ें: मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने वाली भीड़ में शामिल हैवान का पर्दाफाश, गिरफ्तारी के बाद सामने आई तस्वीर
पार्टी अध्यक्ष खड़गे की सलाह पर गहलोत के साथ मनमुटाव को दफन कर दिया है: पायलट
बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा था कि पार्टी राजस्थान चुनाव आसानी से जीत सकती है, बशर्ते एकता हो. पार्टी ने यह भी संकेत दिया था कि वह इस साल के अंत में होने वाले चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं कर सकती है. पायलट ने इस महीने की शुरुआत में शनिवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सलाह पर गहलोत के साथ मनमुटाव को दफन कर दिया है. कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है और इससे गहलोत और पायलट के बीच सत्ता की खींचतान खत्म हो गई है.