Bharat Express

Rajasthan Election 2023: जेपी नड्डा की नई टीम में वसुंधरा का दबदबा कायम, चुनावी रणनीति बनाने से पहले जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर में की पूजा-अर्चना

लोकसभा चुनाव 2024 में 300 प्लस सीटों को जीतने का दावा करने वाली भाजपा जातीय समीकरण को साधने के लिए गुणा-गणित लगा रही है.

वसुंधरा राजे सिंधिया को मिली नई जिम्मेदारी

लोकसभा चुनाव 2024 में 300 प्लस सीटों को जीतने का दावा करने वाली भाजपा जातीय समीकरण को साधने के लिए गुणा-गणित लगा रही है. नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक को जीत का मंत्र शीर्ष नेतृत्व दे रहा है. इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी टीम में कुछ बदलाव किए हैं. जिसमें कुछ नए चेहरों को शामिल किया गया है. इसके अलावा तमाम दिग्गज नेता, जो पिछले काफी समय से नाराज चल रहे थे, उन्हें भी मनाने की कोशिश की गई है. वहीं नई टीम में एक बार फिर से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की धमक दिखाई दी है.

जेपी नड्डा ने मंदिर में की पूजा-अर्चना

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज (29 जुलाई) राजस्थान दौरे पर हैं. जेपी नड्डा ने राजस्थान पहुंचकर सबसे पहले जयपुर में मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की. माना जाता है कि जो भी इस मंदिर में मत्था टेकता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. जेपी नड्डा पूजा अर्चना करने के बाद नेताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे. जहां पर उन नेताओं को एकसाथ लाकर सारे गिले-शिकवे खत्म करने की कोशिश करेंगे, जो पिछले दिनों अलग-अलग वजहों से नाराज चल रहे थे. राजस्थान के कई बड़े चेहरों को जिम्मेदारी उसके बाद जयपुर पहुंचकर मंदिर में पूजा फिर चुनावी मंथन के जरिए एक बड़ा संदेश जनता के बीच पहुंचाने की कोशिश जेपी नड्डा कर रहे हैं.

38 लोगों की भारी-भरकम टीम में 6 चेहरे यूपी के

लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि जेपी नड्डा की नई टीम में नए और पुराने चेहरों का समन्वय बैठाने की कोशिश की गई है. टीम में तीन राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. इसके अलावा कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. कुल 38 लोगों की भारी-भरकम टीम में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है. यूपी से छह नेताओं को कार्यकारिणी में जगह दी गई है.

इन नेताओं की हुई छुट्टी

शीर्ष नेतृत्व ने कई नेताओं की छुट्टी कर दी है. जिसमें आंध्र प्रदेश के प्रभारी रहे सुनील देवधर, सीटी रवि और दिलीप सौकिया को महामंत्री पद से हटा दिया गया है. इसके अलावा सह कोषाध्यक्ष रहे मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता से भी जिम्मेदारी छीन ली गई है. उनकी जगह नरेश बंसल को सह कोषाध्यक्ष की कमान दी गई है.

अब अगर बात करें राजस्थान के उन चेहरों की जिनकी सियासी जमीन मजबूत होने के चलते न चाहते हुए भी भाजपा को जिम्मेदारी सौंपनी पड़ी. इसका सबसे बड़ा उदाहरण वसुंधरा राजे सिंधिया हैं. उन्हें फिर से उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया है. इससे साफ हो गया है कि उनका सियासी कद राजस्थान की राजनीति में अब भी बहुत मायने रखता है.

वसुंधरा राजे सिंधिया को बनाया गया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

दरअसल, कयास लगाए जा रहे थे कि, बीजेपी से वसुंधरा राजे की नाराजगी का असर जल्द ही दिखाई देगी. भाजपा उनके खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती है, लेकिन ये बीजेपी को भी कहीं न कहीं आभास है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे की जनता के बीच गहरी पैठ है. ऐसे में अगर उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई की जाती है तो उसका सीधा असर आने वाले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. इसलिए बीजेपी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है.

राजनीति का लंबा अनुभव

वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार में भी मंत्री रही हैं. संगठन में रहकर भी उन्होंने काफी काम किया है. इसलिए उन्हें राजनीति का एक लंबा अनुभव है. वसुंधरा राजे ग्वालियर के राजघराने से संबंध रखती हैं. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद कहा जा रहा है कि वसुंधरा राजे सिंधिया का बीजेपी में अब भी दबदबा है. वहीं जेपी नड्डा ने चुनावी रणनीति बनाने से पहले जयपुर स्थित मोती डूंगरी गणेश मंदिर पहुंचे और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की.

यह भी पढ़ें- Maharashtra Election survey: 2024 लोकसभा चुनाव में BJP को सकता है भारी नुकसान, MVA की सीटों में होगी बढ़ोतरी, जानें आंकड़ों में कौन आगे ?

जेपी नड्डा की नई टीम में राजस्थान की अल्का गुर्जर को भी दोबारा शामिल किया गया है. 2013 में बांदीकुई से जीतकर विधायक बनी थीं, लेकिन 2018 में हुए चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला था. अल्का गुर्जर पूर्व सांसद नाथू सिंह गुर्जर की पत्नी हैं. इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है. वर्धन दूसरी बार 2019 में जयपुर की ग्रामीण सीट से जीतकर सांसद बने है. नई टीम में राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी भूपेंद्र यादव को राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले उन्होंने राजस्थान से लेकर झारखंड, गुजरात और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read