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Atiq Ahmed: अतीक और अशरफ के वकील विजय मिश्रा ने पुलिस जांच में किया बड़ा खुलासा, बताया-माफिया की बेनामी संपत्ति की डील…

विजय मिश्रा पर बड़ी कार्रवाई करते हुए धूमनगंज थाने में आईपीसी की धाराओं 147, 148, 149, 302, 307, 506, 34, 120बी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा सात , सीएलए अधिनियम की धारा सात और एससी एसटी अधिनियम की धारा 3(2) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है.

विजय मिश्रा (ऊपर), अशरफ-अतीक (नीचे), फोटो सोशल मीडिया

Atiq Ahmed: उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता और अशरफ की पत्नी जैनब को लेकर अतीक अहमद की प्रयागराज में वकालत करने वाले एडवोकेट विजय मिश्रा ने कुछ खुलासे किए हैं. ये दावा किया जा रहा है कि, उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में उसने कई राज उगले हैं और इसी के बाद से पुलिस ने इस मामले में जांच आगे बढ़ा दी है.

मीडिया सूत्रों की मानें तो विजय मिश्रा ने पुलिस के सामने अतीक से जुड़े कई राज का खुलासा किया है और बताया है कि अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति की डील करने की कोशिश में वह लगा हुआ था. इसी के साथ उसने ये भी राज उगला है कि लखनऊ जेल में बंद अतीक के बेटे उमर से उसने मुलाकात की थी और इसी के बाद वह अपने जूनियर वकील के साथ लखनऊ के एक होटल में गया था. जहां से उसकी गिरफ्तारी हुई. पुलिस के सामने ये भी जानकारी आई है कि, लखनऊ के जिस होटल में विजय पहुंचा था, वहां अतीक के परिवार की एक महिला भी मौजूद थी. इसी के साथ ये भी खबर सामने आ रही है कि पुलिस अब विजय मिश्रा से हुए पूछताछ के आधार पर जो भी जानकारी सामने आई है, उसको लेकर आगे बढ़ रही है और इसी आधार पर उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस कुछ और लोगों पर कानूनी पकड़ बनाने की योजना बना रही है.

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इन धाराओं में दर्ज किया गया है विजय मिश्रा पर मुकदमा

मीडिया सूत्रों की मानें तो पुलिस उपायुक्त (नगर) दीपक भूकर ने इस मामले में जानकारी दी है कि, उमेश पाल हत्याकांड में वांछित अभियुक्त विजय मिश्रा को धूमनगंज थाना की पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया है. इसी के बाद विजय मिश्रा पर बड़ी कार्रवाई करते हुए आईपीसी की धाराओं 147, 148, 149, 302, 307, 506, 34, 120बी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा सात , सीएलए अधिनियम की धारा सात और एससी एसटी अधिनियम की धारा 3(2) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है. अगर पुलिस पुलिस सूत्रों की मानें तो विजय मिश्रा को यूपी की राजधानी लखनऊ के एक होटल के बाहर से गिरफ्तार किया गया है. वह वहां पर किसी महिला से मिलने के लिए गया था. इसके बाद रविवार को रिमांड मजिस्ट्रेट की अदालत में उसे पेश किया गया, जहां से विजय मिश्रा को नैनी जेल भेजने का आदेश दिया गया है.

विवेचना में नाम आने के बाद से ही फरार था विजय मिश्रा

एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी कि, उमेश पाल हत्याकांड मामले में की जा रही विवेचना में विजय मिश्रा का नाम सामने आया था. इसी के बाद से वह फरार था और उसके खिलाफ अतरसुइया थाने में तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में एक मुकदमा भी दर्ज है. वहीं पुलिस सूत्रों के मुताबिक विवेचना के दौरान ही पुलिस को ये बात पता चली थी कि उमेश पाल जब कचहरी से निकले थे. उसके बाद विजय मिश्रा ने ही उमेश पाल की फोटो अतीक के बेटे असद को भेजी थी. इसी के साथ उमेश पाल के रास्ते की जानकारी भी दी थी. तो दूसरी ओर पुलिस को विवेचना के दौरान कुछ ऐसे तथ्य मिले थे जिससे शक की सुई विजय मिश्रा की ओर घूम गई थी और फिर उम्रकैद की सजा काट रहे अतीक के वकील खान शौलत हनीफ का बयान सामने आने के बाद उसी के आधार पर विजय मिश्रा को उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया था.

24 फरवरी को हुई थी हत्या

बता दें कि बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को बीच सड़क दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके साथ ही उनके दो गनर की भी हत्या कर दी गई थी. इस घटना से पूरे यूपी में हड़कम्प मच गया था. इस मामले में मुख्य अभियुक्त माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी है और अतीक का बेटा असद एनकाउंटर में मारा जा चुका है तो वहीं अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन समेत दो शूटर फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है और इस मामले में और भी तथ्य जुटाने में लगी है.

-भारत एक्सप्रेस

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