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UP Assembly: पुरानी पेंशन बहाली से वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने किया इनकार, सपा ने सदन से किया वाकआउट

प्रश्नकाल के दौरान सपा की ओर से उछाले गए पुरानी पेंशन बहाली के सवाल पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भी सपा की ओर सवाल दागा और बोले कि, जब यह पेंशन योजना अप्रैल 2005 में लागू हुई थी, उस वक्त किसकी सरकार थी?

यूपी विधानसभा मानसून सत्र

UP Assembly: यूपी विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन सपा ने सदन से उस वक्त वाकआउट कर दिया, जब पुरानी पेंशन बहाली को लेकर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रदेश के 20 लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने से मना कर दिया. इससे समाजवादी पार्टी नाराज हो गई और सदन से वाकआउट कर दिया.

सुरेश खन्ना ने कहा कि राज्य कर्मचारियों के संगठनों की सहमति से ही नई पेंशन लागू की गई थी. उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना में 9.32 फीसदी से अधिक ब्याज मिल रहा है और यही कहने के बाद उन्होंने पुराना पेंशन देने से इंकार कर दिया. इससे पहले प्रश्नकाल में सपा की ओर से अनिल प्रधान, पंकज मलिक और जय प्रकाश अंचल ने सरकार से सवाल किया और जानना चाहा कि क्या राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन सरकार लागू करेगी. अनिल प्रधान ने नई पेंशन योजना पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, यह कर्मचारियों के हित में नहीं है. वह बोले कि जो कर्मचारी 80 से एक लाख रुपए वेतन प्राप्त करते थे उनको अब मात्र तीन से चार हजार रुपए ही पेंशन मिल रही है. इस मौके पर समाजवादी पार्टी के पंकज मलिक ने मुजफ्फरनगर का उदाहरण दिया और बोले कि, मुजफ्फरनगर निवासी रामदास नौकरी के दौरान 80 हजार रुपए वेतन प्राप्त कर रहे ते लेकिन अब उनको पेंशन के रूप में मात्र 3200 रुपए ही मिल रहे हैं.

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जब नई पेंशन योजना लागू हुई तो किसकी सरकार थी?

सपा की ओर से प्रश्नकाल के दौरान उछाले गए इस सवाल पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भी सपा की ओर सवाल दागा और बोले कि, जब यह पेंशन योजना अप्रैल 2005 में लागू हुई थी, उस वक्त किसकी सरकार थी? उन्होंने कहा कि जब 2019 में कर्मचारियों के संगठनों के साथ बातचीत हुई थी तब उन्होंने ये कहा था कि योजना कम से कम ऐसी हो कि कर्मचारियों को कम से कम 8 फीसदी ही ब्याज मिल जाए. सुरश खन्ना ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि नई पेंशन के तहत अब कर्मचारियों को 9.32 फीसदी ब्याज मिल रहा है.

इसके बाद सुरेश खन्ना ने सरकार की वित्तीय स्थिति की बात कही और आगे बोले कि वेतन के साथ ही पेंशन में राज्य सरकार का 59.4 फीसदी खर्च हो रहा है. फिर उन्होंने विकास कार्यों को लेकर कहा कि, पेंशन और वेतन में इतना खर्च होने के बाद विकास कार्यों के लिए अधिक धनराशि मुहैया होने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इतना सब कहने के बाद सुरेश खन्ना ने अपनी बात समाप्त करते हुए बोले कि, फिलहाल सरकार का पुरानी पेंशन को बहाल करने का कोई विचार नहीं है.

विधानसभा अध्यक्ष ने ली चुटकी

जैसे ही वित्त मंत्री ने अपनी बात खत्म की और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर इंकार किया वैसे ही सपा खेमे से सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई और नाराज होकर सदन से बाहर चले गए. तो इतने में ही सपा के कुछ सदस्यों को पूरी तरह से सदन के बाहर न जाने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने चुटकी ली और बोले कि, “फर्जी ही बहिर्गमन कर रहे हैं. पूरी तरह से बाहर तो गए नहीं हैं.”

-भारत एक्सप्रेस

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