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बिहार में हर 5वीं हत्या के पीछे ‘जमीन’ है वजह, NCRB के आंकड़ों से खुली पोल, यहां 65% अपराधों में भूमि विवाद

Bihar Crime Report 2023: बिहार में अपराधों पर लगाम नहीं लगती. बिहार में जमीन के लिए कत्ल और अपराध के दूसरे मामले लगातार सामने आ रहे हैं. यहां के हर जिले में भूमि विवाद का लेखा-जोखा है…

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव

Bihar Crime Rate: बिहार में अपराधों का रिकॉर्ड बनता रहा है. अपराधिक कृत्यों के चलते ही यह प्रदेश बदनामी झेलता रहा है. मौजूदा सरकार यह दावा करती है, कि उनके राज में कत्ल और अपराध के दूसरे मामले कम हुए हैं. हालांकि, आंकड़े मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दावों के विपरीत ले जाते हैं. उनके चौथे टर्म के लगभग आधा बीत जाने के बाद यह जानकारी चौंकाने वाली है कि बिहार में अपराधों के पीछे की बड़ी वजह- जमीन है.

इस राज्‍य में लगभग 65% अपराध केवल भूमि विवाद की वजह से हो रहे हैं और सरकार द्वारा कुछ कदम उठाए जाने के बावजूद जमीन के मामले सुलझने के बजाय उलझते ही जा रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में हर 5वीं हत्या का संबंध जमीन विवाद से था. हैरत की एक और बात यह है कि यहां पर इस साल 815 लोगों की हत्या जमीन विवाद की वजह से हुई, जबकि कुल 3336 केसेज जमीन संबंधित विवादों के कारण दर्ज किए गए थे.

एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो सामने आता है कि इस तरह का ट्रेंड बिहार में लगातार पिछले कई सालों से चला आ रहा है. बहरहाल, बिहार के किसी भी जिले को देख लिया जाए, तकरीबन हर जिले में ऐसे हाई-प्रोफाइल मर्डर केसेज मिल जाएंगे, जिनका संबंध जमीन से रहा है. जैसे- मुजफ्फरपुर जिले की बात करें तो वहाँ के पूर्व मेयर समीर कुमार और हाल ही में एक चर्चित व्यवसायी आशुतोष शाही की ह्त्या की वजह भी शहर के बीचों-बीच स्थित भू-भाग ही था.

जमीन का विवाद महज सिविल विवाद नहीं रह गया

बिहार भूमि न्यायाधिकरण की वेबसाईट (https://land.bihar.gov.in//LandTribunal/JudicialMembers.aspx) पर जाने पर एक पंक्ति नजर आती है, कि “यह निर्विवाद सत्य है कि प्रत्येक भूमि विवाद तीन चार फौजदारी मामलों की जननी होती है और यही कारण है कि पूरे भारतवर्ष में लंबित वादों की संख्या निष्पादन की तुलना में बहुत अधिक है.” इससे जाहिर होता है कि बिहार में इस वक्त जमीनों को लेकर होने वाला विवाद महज सिविल विवाद नहीं रह गया है.

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इसी साल जुलाई में विभाग ने 534 अंचलों की एक रिपोर्ट कार्ड जारी कर बेहतर और खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों की रिपोर्ट जारी की. रैंकिंग के 11 मानकों में सभी मानकों पर राजधानी पटना फिसड्डी साबित हुआ. चूंकि अब राज्य में 65% अपराधों के पीछे जमीन विवाद एक बड़ी वजह है और जमीन से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए राज्य ने अंचलाधिकारी, अनुमंडल, डीसीएलआर और जिला स्तर पर अपर समाहर्ता (राजस्व) को महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी है. इनके कार्यों के आधार पर ही यह रैंकिंग जारी होती है.

— भारत एक्सप्रेस



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