कांग्रेस नेता अधीर रंजन (फोटो फाइल)
Adhir Ranjan Chowdhury: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लेकर संसद की विशेषाधिकार समिति की बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी को समिति के समक्ष अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा और इसके लिए 30 अगस्त को होने वाली अगली बैठक में उनको बुलाया जा सकता है.
इस पैनल में समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद सुनील सिंह, कांग्रेस के के. सुरेश, टीएमसी के कल्याण बनर्जी, डीएमके के टीआर बालू, बीजेपी से राजू बिष्ट, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, दिलीप घोष और राजीव प्रताप रूडी शामिल हुए. वहीं लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पैनल की बैठक पर बोलते हुए कहा कि वह अपने निलंबित को चुनौती देने के लिए कोर्ट जा सकते हैं. अधीर रंजन पर सदन की गरिमा के खिलाफ काम करने का आरोप है.
इसके पहले, अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि समिति की बैठक नियमों के मुताबिक हो रही है. कांग्रेस सांसद ने कहा, “मुझे बैठक का एजेंडा नहीं पता है. मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि क्या हो रहा है. समिति की रिपोर्ट पर फैसला लोकसभा स्पीकर लेंगे. मैं पहले भी यह कह चुका हूं कि निलंबन नियमों के मुताबिक नहीं था और फैसले में देरी हुई तो मैं कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता हूं.”
10 अगस्त को किया गया था निलंबित
हाल ही में संपन्न संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पीएम मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था.
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संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया था जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी थी. इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से वॉक आउट कर चुके थे. वहीं कांग्रेस ने चौधरी को निलंबित किए जाने को ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘निरंकुश’ कदम करार दिया था. अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया, बल्कि उदाहरण के तौर पर कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया था.
-भारत एक्सप्रेस
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