विमल हत्याकांड
बिहार के अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड में हुई पत्रकार की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पत्रकार विमल को मारने की साजिश सुपौल जेल में रची गई थी. जिसमें दो आरोपी क्रांति यादव अररिया और रुपेश सुपौल जेल में बंद है, जबकि तीन अभियुक्त जमानत पर बाहर हैं. हत्या के बाद से ही अर्जुन शर्मा और माधव यादव फरार चल रहे हैं.
हत्या मामले में गवाही न देने का दबाव बना रहे थे आरोपी
बताया जा रहा है कि जेल से बाहर आने के बाद आरोपी पत्रकार विमल पर दबाव बना रहे थे कि वे न्यायालय में उन लोगों के खिलाफ गवाही न दें, लेकिन विमल ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया था. इसी को लेकर बीते शुक्रवार यानी कि 18 अगस्त को कुछ लोग विमल के घर पहुंचे और और उसे आवाज देकर बाहर बुलाया. जैसे ही विमल घर से बाहर निकला, हमलावरों ने गोली मार दी.
गोली लगने के बाद विमल वहीं पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई. दूसरी तरफ अपराधी बाइक से सुपौल की तरफ फरार हो गए. पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल करते हुए बताया कि अभी तक हत्या से जुड़े जो भी तथ्य सामने आए हैं उससे लगता है कि वारदात को पुरानी रंजिश के चलते अंजाम दिया गया है.
2019 में विमल के भाई की हुई थी हत्या
गौरतलब है कि पत्रकार विमल के भाई गब्बू यादव की 2019 में हत्या कर दी गई थी. जिसमें 6 लोगों के खिलाफ नामजद किया गया था. पुलिस अब दावा कर रही है कि जिन लोगों ने विमल के भाई की हत्या की थी, वहीं लोग इस घटना में शामिल हैं. पुलिस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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पुलिस मुख्यालय ने मांगी जांच रिपोर्ट
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने खुद मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया है. उन्हीं की निगरानी में जांच चल रही है. एसपी से जांच रिपोर्ट जल्द देने के लिए कहा गया है. आरोपियों की गिरफ्तार के लिए एसटीएफ और वज्र टीम को भी लगाया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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