वाराणसी
UP News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में आने वाले विदेशी पर्यटकों को अब भाषा सम्बंधी किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा. यानी अगर उनको हिंदी नहीं आती है तो उनको किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब उनको उनकी ही भाषा में सारी जानकारी मिलेगी. मतलब ये है कि काशी भ्रमण पर आने वालें गैर हिंदी भाषी पर्यटकों को अब हिंदी न आने पर उनकी भाषा में ही पर्यटन स्थलों की जानकारी मिल सकेगी. इसके लिए पर्यटन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है और पर्यटकों को काशी से जुड़ी सभी बातों की जानकारी हो सके, इसके लिए प्रयासरत है.
सूत्रों की मानें तो पर्यटकों को उनकी ही भाषा में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग टूर ऑपरेटरों को अंग्रेजी के अलावा भारत की क्षेत्रीय भाषाओं का प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए उन दो सौ ऑटो व रिक्शा चालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो शहर में पर्यटकों को घुमाते हैं. इस तैयारी को लेकर उप निदेशक पर्यटन आरके रावत ने मीडिया को जानकारी दी कि, प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों की सूची तैयार कराई जा रही है. इसी के साथ बीएचयू और काशी विद्यापीठ से भी संपर्क किया गया है. उन्होंने बताया कि, विभाग ने पर्यटकों की समस्या का देखते हुए कार्य योजना बनाई है.
लागू होगा ड्रेस कोड
उप निदेशक पर्यटन आरके रावत ने बताया कि, काशी में प्रति दिन हजारों की संख्या में ने केवल देश के विभिन्न हिस्सों से बल्कि विदेश से भी पर्यटक आते हैं. उन्होंने बताया कि तेलंगाना, आंधप्रदेश, चेन्नई , बंगलूरू आदि शहरों से पर्यटक काशी का भ्रमण करने के लिए आते हैं और वे यहां भ्रमण के लिए ऑटो रिक्शा और टैक्सी के जरिए भ्रमण करते हैं. इसीलिए शुरुआत में शहर के ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों को भाषा व व्यवहार की जानकारी देने की योजना बनाई जा रही है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि चालकों के लिए ड्रेसकोड भी लागू होगा ताकि सैलानियों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.
-भारत एक्सप्रेस
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