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रक्षाबंधन पर भद्रा के साथ राहु बढ़ा सकता है मुश्किलें, गलती से भी इन समय पर राखी बांधने से बचें

Raksha Bandhan 2023: काशी के ज्योतिषाचार्य आचार्य रामानुज के अनुसार अगर किसी कारण राखी बांधनी भी है तो भी कुछ काल विशेष में राखी बांधने से अवश्य बचना चाहिए.

Raksha Bandhan 2024:

सांकेतिक तस्वीर.

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन का पावन त्योहार हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. राखी बांधते समय भद्रा काल और अन्य समय की गणना के बाद शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है. माना जाता है कि अशुभ मुहूर्त में राखी बांधने से भाई बहन के रिश्ते पर बुरा असर पड़ता है. पंचाग के अनुसार इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जा रहा है. लेकिन 30 को दिन भर भद्रा का साया रहने से इसके शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति देखी जा रही है. ऐसे में काशी के ज्योतिषाचार्य आचार्य रामानुज के अनुसार अगर किसी कारण राखी बांधनी भी है तो भी कुछ काल विशेष में राखी बांधने से अवश्य बचना चाहिए. अगर इन समय पर राखी बांधी जाती है तो इसका बुरा असर भाई और बहन दोनों पर पड़ता है.

भद्रा में राहु

ज्योतिषाचार्य आचार्य रामानुज के अनुसार, आज 30 अगस्त को सुबह पूर्णिमा तिथि लगने के साथ ही भद्रा काल का भी आरंभ हो चुका है, जोकि रात में 9 बजकर 02 मिनट तक चलेगा. जब चंद्रमा कुंभ,  कर्क, सिंह या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर रहता है. ऐसे में वह समस्त मनुष्यों को नुकसान पहुंचाती है. वहीं इस दौरान राखी बांधने से हर हाल में बचना चाहिए. वहीं भद्रा के बीच में कुछ समय ऐसा है जब राहुकाल भी लगने जा रहा है. आचार्य रामानुज के अनुसार 30 अगस्त को ही रक्षाबंधन रात 9 बजकर 2 मिनट के बाद मनाएं. भद्रा के समय में किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.

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पूर्णिमा तिथि और राखी

31 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के समापन के बाद राखी बांधने का कोई विशेष अर्थ नहीं रह जाता. क्योंकि रक्षाबंधन का त्योहार ही पूर्णिमा तिथि को पड़ता है. जहां तक संभव हो शुभ और फलदायी मुहूर्त के अनुसार ही राखी बांधें. हालांकि संभव हो तो 30 अगस्त को भद्रा के समाप्त होने के बाद रात में भी राखी बांधने से बचना चाहिए.



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