एकादशी
Parivartini Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी के दिन का विशेष महत्व है. एक साल में 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं. एकादशी के दिन पूजा और व्रत करने से जीवन में चली आ रही परेशानियों से निजात मिलती है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पूरे श्रद्धानुसार व्रत रखने का विधान है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा, जो 26 सितंबर, रविवार को पड़ रही है. भगवान विष्णु की कृपा से इस एकादशी का व्रत रखने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के परिवार में सुख शांति बनी रहती है. इस दिन पूजा पाठ और सच्चे मन से व्रत रखने वालों को अपार धन और संपत्ति की प्राप्त होती है.
परिवर्तिनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार सितंबर में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 25 सितंबर सुबह 07 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 26 सितंबर सुबह 05 बजे समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 26 सितंबर को रखा जाएगा. इस एकादशी व्रत का पारण 27 सितंबर को किया जायेगा.
इस विधि से करें परिवर्तिनी एकादशी के दिन पूजा
परिवर्तिनी एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठते हुए भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें. इस दिन की पूजा के लिए घर के मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति पर गंगाजल छिड़कते हुए पीले रंग का पुष्प चढ़ाएं और दीप धूप से उनकी आरती करें. इसके बाद अजा एकादशी की कथा सुने. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है.
इसे भी पढ़ें: जानें कैसे लिखे राम नाम, बोलने से अधिक मिलता है लिखने से पुण्य
परिवर्तिनी एकादशी के अगले दिन सुबह उठते हुए भगवान विष्णु को भोग लगाएं और ब्राम्हणों को भोजन कराने के बाद व्रत का पारण करें. इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनने से घर परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. वहीं भगवान विष्णु की कृपा से सभी तरह के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है.