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महिला आरक्षण बिल पास हुआ तो बदल जाएगी मध्य प्रदेश की राजनीति!

राजनीति में महिलाओं का अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्रता से पहले और संविधान सभा में भी चर्चा की गई थी. स्वतंत्र भारत में इस मुद्दे ने 1970 के दशक में ही जोर पकड़ लिया था.

Mahila Aarakshan Bill: इन दिनों महिला आरक्षण को लेकर देश में जबरदस्त चर्चा चल रही है. इस विधेयक के लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद देश की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी हो जाएगी. अगर यह विधेयक एमपी विधानसभा चुनाव से पहले लागू हो जाता है तो मध्यप्रदेश की राजनीति में भी बहुत कुछ बदल जाएगा. दरअसल, पिछले चुनाव में मध्य प्रदेश से 21 महिलाएं विधायक बनीं थीं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 तो कांग्रेस ने 12 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया था.

कुल सीटों की बात करें तो मध्य प्रदेश से 230 विधायक चुन कर आते हैं. अगर महिला आरक्षण विधेयक पास हो जाता है तो महिलाओं के लिए 230 में ले 76 सीटें आरक्षित हो जाएगा. खास बात ये है कि राज्य में 82 सीटें एससी-एसटी के लिए भी तय हैं. अब 76 महिलाओं के विधायक बन जानें से राज्य की राजनीति में महिलाओं का दबदबा बढ़ जाएगा. अभी बीजेपी की ओर से 11, कांग्रेस की 9 और बीएसपी से एक महिला मध्य प्रदेश में विधायक हैं.

क्या है महिला आरक्षण विधेयक ?

बता दें कि राजनीति में महिलाओं का अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्रता से पहले और संविधान सभा में भी चर्चा की गई थी. स्वतंत्र भारत में इस मुद्दे ने 1970 के दशक में ही जोर पकड़ लिया था. विधेयक में लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. लगभग 27 वर्षों से लंबित महिला आरक्षण विधेयक पर नए सिरे से जोर दिया जा रहा है. लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि कई राज्य विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से कम है. यह बिल सबसे पहले 12 सितंबर 1996 को संसद में पेश किया गया था. इसके बाद इस बार नए संसद भवन में नए सिरे से बिल पर चर्चा की जा रही है.

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समर्थन में कौन-कौन हैं ?

आमतौर पर सभी दल विधेयक के समर्थन में हैं, फिर भी प्रस्ताव को मूर्त रूप देने के लिए पिछले 13 वर्षों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”सभी विपक्षी दलों ने इसी संसद सत्र में महिला आरक्षण बिल पारित करने की मांग की.” बीजेपी के सहयोगी और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ”हम सरकार से अपील करते हैं कि वह इसी संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करे.” बीजद और बीआरएस सहित कई क्षेत्रीय दलों ने भी विधेयक को पेश करने पर जोर दिया. बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि नए संसद भवन से एक नए युग की शुरुआत होनी चाहिए और महिला आरक्षण विधेयक पारित होना चाहिए.

हालांकि, आम आदमी पार्टी ने बिल के कुछ प्रावधानों पर एतराज जताया है. आप की आतिशी ने कहा कि बिल महिलाओं को मूर्ख बनाने के लिए लाया जा रहा है. AAP की आतिशी ने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि 2024 के चुनाव में महिलाओं को आरक्षण मिलेगा या नहीं. और अगर 2024 में आरक्षण नहीं मिलेगा तो ये बिल महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला बिल है. इस बिल में जनगणना खंड डालने की क्या जरूरत थी? इस विधेयक में परिसीमन खंड डालने की क्या आवश्यकता थी?”

-भारत एक्सप्रेस



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