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Sambhal Violence को लेकर Supreme Court से संज्ञान लेने की मांग, जानें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव ने क्या कहा

उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, नेता प्रतिपक्ष भाई राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने बयान जारी किए हैं. उन्होंने प्रदेश की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है.

राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव. (फाइल फोटो: IANS)

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे (Shahi Jama Masjid Survey) को लेकर हुई हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई है. मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है. विपक्ष के कई नेताओं ने इसे लेकर बयान जारी किए है और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. इस हिंसा पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, उनके सांसद भाई राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने बयान जारी किए हैं. उन्होंने प्रदेश की जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है.

राहुल ने किसे जिम्मेदार ठहराया

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना, जिसकी सीधी जिम्मेदार भाजपा सरकार है.’

शांति बनाए रखने की अपील

उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना ना प्रदेश के हित में है और ना देश के. मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं.’

राहुल गांधी ने लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की. उन्होंने कहा, ‘मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें. हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े.’


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प्रियंका ने ये कहा

प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए यूपी सरकार से कड़े सवाल किए. उन्होंने लिखा, ‘संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया. प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में. माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए. प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि हर हाल में शांति बनाए रखें.’

अखिलेश यादव ने क्या कहा

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी संभल की हिंसा को लेकर यूपी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, ‘सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साजिश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाजों को ले गए, उनके खिलाफ शांति और सौहार्द्र बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज हो और उनके खिलाफ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करे. यूपी शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी, न है.’

संभल में क्या हुआ

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान कम से कम 4 लोगों की मौत हो चुकी है. बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं. संभल में एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के एक दिन बाद सोमवार (25 नवंबर) को संभल के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि इस सिलसिले में 2,500 लोगों के खिलाफ कुल 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं. जिला प्रशासन ने पहले ही निषेधाज्ञा लागू कर दी है और 30 नवंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.

-भारत एक्सप्रेस



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